रांची। बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा पार कराने से लेकर उनके लिए फर्जी नागरिकता सर्टिफिकेट तैयार करने वालों के खिलाफ ईडी की रांची यूनिट ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी टीम ने मंगलवार की सुबह सात बजे से झारखंड के रांची और पाकुड़, प. बंगाल के कोलकाता और 24 परगना समेत 17 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। जिसमें हथियार, नकली पासपोर्ट, आधार और वोटर आईडी समेत कई सामग्री बरामद की गई।
ईडी की टीम ने रांची में उन होटलों में भी छापेमारी की, जहां बांग्लादेशियों युवतियों की पूर्व में बरामदगी हुई थी। रांची में बरियातू इलाके के होटल स्काइ लाइन, बाली रिसार्ट, होटल संचालक शैलेंद्र कुमार के खटाल, माला इंक्लेव रोड स्थित आवास में छापेमारी की गई। वहीं ईडी ने पाकुड़ में अल्ताफ मंकर नामक व्यक्ति के यहां भी छापेमारी की। ईडी की टीम पाकुड़ में पिरतला स्थित अल्ताफ के आवास पर सुबह सात बजे पहुंची थी। वहीं प. बंगाल के कोलकाता और 24 परगना में कई युवतियों और दलालों के यहां भी छापेमारी हुई। छापेमारी में ईडी ने रांची में होटल संचालक, फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह से जुड़े अल्ताफ और बंगाल में कई युवतियों व रैकट से जुड़े लोगों से पूछताछ की। खबर लिखे जाने तक ईडी की छापेमारी और पूछताछ जारी थी। अल्ताफ के पाकुड़ आवास से पैसे बरामदगी की भी सूचना है, जिसके बाद बैंक से नोट गिनने वाली मशीन मंगाई गई। ईडी टीम ने छापेमारी में बांग्लादेश की सीमा पर बसे वनगांव में एक जगह से बांग्लादेशियों के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाने के साक्ष्य बरामद किए। वहां फर्जी तरीके से बनाए गए पासपोर्ट, वोटर आईडी और आधार कार्ड बड़े पैमाने पर बरामद किए गए। ईडी की टीम को पिस्टल और जिंदा कारतूस भी मिले। ईडी सूत्रों के मुताबिक छापेमारी में छह से सात लाख रुपये बरामद किए गए। जिस सेंटर से फर्जी पासपोर्ट, वोटर आईडी, अधार की बरामदगी हुई, आशंका है कि सिर्फ वहां से बीते एक साल में हजार से अधिक युवतियों और घुसपैठियों के कागजात बनाए गए। ईडी ने शैलेंद्रके मोबाइल में बांग्लादेशियों से जुड़े साक्ष्य बरामद किए हैं। बांग्लादेश की कई युवतियों और बांग्लादेश के कई निवासियों के नंबर शैलेंद्र के मोबाइल से मिले हैं। इन नंबरों से लगातार बातचीत का खुलासा ईडी जांच में हुआ है। ईडी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि रांची के होटलों समेत अन्य जगहों पर बांग्लादेशी युवतियों को देहव्यापार के धंधे में लगाकर कमाई की जाती है। ईडी ने जून 2024 में रांची के बरियातू थाने में दर्ज केस के आधार पर बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ा मामला दर्ज किया था। इसके बाद इस मामले में दर्जनों मोबाइल नंबरों को ईडी ने रडार पर रखा था।