देहरादून। अनीता रावत
सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाएं सुधारने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि सरकार और सरकारी नुमाइंदे व्यवस्थाओं को बनाने के दावे भले ही कर रहे हो लेकिन शिक्षकों की कारगुजारी इन पर धब्बा लगाने का काम कर रही है। ऐसा ही मामला पौड़ी जिले के थलीसैंण तहसील के दूरस्थ गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय पाठों में देखने को मिला। इस स्कूल में 20 से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए 2 शिक्षकों की तैनाती हैं। उनमें से प्रधानाध्यापक अवकाश पर चल रहे हैं, जबकि सहायक को ही पूरे स्कूल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आरोप है कि मंगलवार सुबह प्रार्थना के समय सहायक अध्यापक स्कूल पहुंचे तो वह नशे की हालत में थे। उनकी हरकतों को देख बच्चे कुछ समझ नहीं पाए और वह घर लौट गए। उन्होंने अभिभावकों को पूरी जानकारी दी जिसके। बाद वह सभी स्कूल पहुंचे और नशे की हालत में अध्यापक को देख उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत की। ग्राम प्रधान नारायण सिंह और ग्रामीणों ने तत्काल शिक्षक को हटाने की मांग की। डी ई ओ बेसिक कुंवर सिंह रावत ने बताया कि सहायक अध्यापक अभिषेक देवरानी के स्कूल में पहुंचने की शिकायत मिली है। बताया कि बीईओ थलीसैंण से पूरी जांच रिपोर्ट मांगी गई है। अभिषेक देवरानी पहले भी एक बार निलंबित हो चुका है।