नई दिल्ली। नीलू सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को रजिस्ट्री में 10 करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त्त पर विदेश जाने की अनुमति प्रदान की है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने की चेतावनी देते हुए आईएनएक्स और एयरसेल-मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग करने की हिदायत दी।
पीठ ने बुधवार को रजिस्ट्रार जनरल के यहां कार्ति को 10 करोड़ रुपये जमा कराने के साथ ही लिखित में यह आश्वासन देने का निर्देश दिया कि वह वापस आएंगे और जांच में सहयोग करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति ने 10 से 26 फरवरी और फिर 23 से 31 मार्च के बीच विदेश जाने की अनुमति मांगी थी। पिछले साल 18 सितंबर को शीर्ष अदालत ने कार्ति को 20 से 30 सितंबर तक ब्रिटेन जाने की अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने कार्ति से आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामलों में पूछताछ के लिए 05, 06, 07 और 12 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कार्ति के वकील से कहा, ‘आपको 10 से 26 फरवरी के बीच जहां जाना हो वहां जाएं, लेकिन पूछताछ में सहयोग जरूर करें।’ पीठ ने कहा, ‘कृपया अपने मुवक्किल से कहें कि उन्हें सहयोग करना होगा। आपने सहयोग नहीं किया है। हम बहुत कुछ कहना चाहते हैं। हम उन्हें अभी नहीं कह रहे हैं।’
पीठ कार्ति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने ‘टोटस टेनिस लिमिटेड’ कंपनी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति मांगी थी। ‘टोटस टेनिस लिमिटेड’ का कार्यालय ब्रिटेन में पंजीकृत है। इस अनुरोध का प्रवर्तन निदेशालय ने विरोध किया है। याचिका के अनुसार, कार्ति पूर्व खिलाड़ी और वर्तमान प्रशासक के रूप में इससे संबद्ध हैं।
पीठ ने सोमवार को कहा था कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि कार्ति जांच एजेंसी के समक्ष पेश हों और टेनिस के लिए विदेश भी जाएं। साथ पीठ ने आगाह किया था, ‘यदि बचने की कोशिश करेंगे तो उनके लिए कोई टेनिस नहीं होगा।’ उस दिन कोर्ट ने ईडी से वह तारीख बताने के लिए कहा था जिस दिन वह कार्ति से पूछताछ करना चाहता है।
शीर्ष अदालत इससे पहले कार्ति की याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इनकार कर चुकी थी। कोर्ट ने जानना चाहा था, ‘कार्ति कौन हैं? आप कह रहे हैं कार्ति चिदंबरम? उन्हें वहीं रहने दें जहां हैं। हमारे पास और भी महत्वपूर्ण काम हैं।’
कार्ति आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं जिनकी जांच ईडी और सीबीआई कर रहा है। इनमें से एक मामला पी. चिदंबरम के वित्तमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से जुड़ा हुआ है।