लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
कोविड के लिए आरक्षित ऑक्सीजन की सुविधा वाले आइसोलेशन बेड्स को डेंगू सहित अन्य वायरल बीमारियों के इलाज के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि सात सितंबर से आशा, संगिनी, आंगनबाड़ी सहित सभी संबंधित कर्मियों के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेशव्यापी सर्विलांस किया जाए। स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित /कोविड के लक्षण वाले लोगों की पहचान करें। 45 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीन की एक भी डोज न ली हो, उनकी सूची बनाई जाए। उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। प्रदेश के कई जिलों में डेंगू और मलेरिया के साथ वायरल बुखार का प्रकोप बढ रहा है। अब ऐसे सभी पीड़ितों की कोविड जांच कराई जाएगी। आरटीपीसीआर जांच के साथ ही कुछ मरीजों के सेंपल पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी लैब भी भेजे जाएंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोरोना कहीं किसी नए रूप में पांव तो नहीं पसार रहा। मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डेंगू और वायरल समेत दूसरी बीमारियों पर लगाम लगाने के लिए कई इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं कोरोना की चौतरफा रोकथाम को लेकर भी सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। फिरोजाबाद, मथुरा, आगरा आदि जिलों में डेंगू और वायरल बुखार के साथ ही मथुरा में स्क्रब टाइफस के मामले बीते कुछ दिनों में सामने आए हैं। वहां के हालात की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को तत्काल वहां जाकर कैंप करने के आदेश दिए हैं। प्रमुख सचिव इन जनपदों के एक-एक मरीज के उपचार की व्यवस्था की पड़ताल करने के साथ ही सभी व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर रखेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से कहा है कि वह इसकी रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। हर जिले के एक-एक मरीज की सेहत का ख्याल रखा जाए। सीएम ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूरे प्रदेश में पांच सितंबर से स्वच्छता-सेनेटाइजेशन का वृहद अभियान शुरू किया जाए। जिलों के लिए नोडल अधिकारी तय कर दिए गए हैं। वह तत्काल जिम्मेदारी संभाल लें। यह अधिकारी बाढ़ व अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की भी मॉनीटरिंग करें।