नई दिल्ली। नीलू सिंह
राफेल पर कैग की रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विरोध-प्रदर्शन किया। राज्यसभा में कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने राफेल की खरीद को कैग की रिपोर्ट में क्लीनचिट दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कैग की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया। संसद के बाहर कांग्रेस सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसदों ने कागजों के विमानों और पोस्टरों के साथ प्रदर्शन किया। संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी परिसर में गांधी की प्रतिमा के पास किए इस प्रदर्शन में नजर आएं।
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि राफेल पर कैग की रिपोर्ट भरोसे के लायक नहीं है। उन्होंने कहा, सरकार की जो कारगुजारियां हैं उनसे हम भलीभांति परिचित हैं। हमें मालूम था कि यहां भी (कैग रिपोर्ट) कुछ लीपापोती होगी। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने संसद में कैग की रिपोर्ट पेश होने के बाद कहा, रिपोर्ट को एक नजर देखने के बाद फौरी तौर पर ऐसा लगता है कि सौदे का सही आकलन हुआ ही नहीं है। सही आकलन क्यों नहीं हुआ। मुझे लगता है कि कुछ तथ्यों को छुपाने के लिए कोई बंदोबस्त हुआ है। राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा, कैग कि रिपोर्ट भरोसे के लायक नहीं है। वहीं, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने राफेल पर न सिर्फ कैग की समूची रिपोर्ट को बल्कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को भी संदिग्ध बताया है।