अयोध्या। अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे देश में धूम मची हुई है। देश ही नहीं विदेशों में भी रामभक्त पूजा अर्चना में जुट गए हैं। यही कारण है कि श्री रामचरित मानस की मांग अचानक कई गुणा बढ़ गई है।
देश से विदेश तक घरों से लेकर मठ-मंदिरों तक रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर पूजा-पाठ, शोभायात्रा व दीपोत्सव मनाने की तैयारी चल रही है। मंदिरों में भजन-कीर्तन के साथ श्रीरामचरित मानस के पाठ की तैयारियां भी जोरों पर हैं। यूपी, बिहार, उत्तराखंड समेत नेपाल के तराई इलाकों में श्री रामचरित मानस, सुंदर कांड, विनय पत्रिका सहित राम के जीवन व लीला से जुड़ीं पुस्तकों व ग्रंथों की बिक्री में उछाल आ गई है। स्थिति यह है पुस्तक विक्रेताओं को आपूर्ति करने वाले अधिकृत विक्रेता मांग के अनुसार श्री रामचरित मानस की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। गीता प्रेस गोरखपुर के पुस्तकों के विक्रेता व थोक आपूर्तिकर्ता बताते हैं कि यूपी, बिहार समेत विदेशों से भी श्री रामचरित मानस की मांग आ रही है। लोग एक-दूसरे को भगवान राम से जुड़ी पुस्तक उपहार स्वरूप दे रहे हैं। कई संस्थाएं इसे आम जनमानस के बीच बांट रही हैं। स्थिति यह है कि अब उनके पास एक-दो दिन का स्टॉक बचा है। हाल के वर्षों में श्री रामचरित मानस की इतनी बिक्री कभी नहीं हुई थी। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि पहले महीने में 30 श्रीराम चरित मानस की बिक्री होती थी। अब 90 से 100 तक की बिक्री हो रही है। पुस्तक विक्रेताओं के अनुसार हर साइज व दाम के श्री रामचरित मानस की मांग है। जेब के आकार के 70 रुपए में, मंझोले आकार के 200,बड़े आकार के 3 से 5 सौ रुपए में व सबसे बड़े आकार के श्री राम चरित मानस 700 रुपए में बिक रहे हैं।