देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर नर्सिंगग एजुकेशन एंड रिसर्च की ओर से महिलाओं के लिए वृहद जनजागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
शुक्रवार को सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि भारत में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर दूसरे देशों से काफी अधिक है, जिसे नियमित हेल्थ एजुकेशन व जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कम किया जा सकता है। एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को नियमित चैकअप व काउंसलिंग के लिए अस्पताल में आना चाहिए। साथ ही कम्यूनिटी हेल्थ सर्विसेस के माध्यम से घर घर जाकर गर्भवती महिलाएं जो कि हाईरिस्क प्रेग्नेंसी में आती हैं उनकी काउंसलिंग व सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि स्वस्थ जच्चा बच्चा के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार का अहम योगदान होता है। उन्होंने बताया कि हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं को समय रहते एम्स जैसे टर्सरी केयर हास्पिटल में रेफर कर दिया जाता है तो वहां पर जच्चा व बच्चा दोनों को बचाया जा सकता है। निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि कईदफा डिलीवरी के बाद बच्चे की मां की सही देखभाल की अनदेखी की जाती है, जिसके कारण से मां व बच्चे की मृत्यु हो जाती है, लिहाजा प्रसव के बाद भी दोनों की नियमित देखभाल करना नितांत आवश्यक है। इस अवसर पर जनजागरूकता कार्यक्रम का डीन एकेडमिक प्रोफेसर सुरेखा किशोर व डीन नर्सिंग डा. सुरेश कुमार शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के तहत परामर्श केंद्र का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, आहार, देखभाल और व्यायाम के संबंध में लाभार्थी महिलाओं को जानकारी दी गई। इस दौरान उन्हें नाट्य प्रस्तुति, पोस्टर, स्लोगन और कविताओं के माध्यम से भी जागरूक किया गया।
बीएससी नर्सिंग की छात्राओं ने नाटक के माध्यम से सुरक्षित मातृत्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। बताया गया कि सुरक्षित मातृत्व दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणाम शनिवार को घोषित किए जाएंगे।
इस कार्यक्रम के दौरान डा. अनुपमा बहादुर, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. सुपर्णा बासू, डा. कविता, डा. अमृता, डा. राकेश शर्मा, प्रसूना जेली, राजराजेश्वरी आदि मौजूद थे।