वाशिंगटन। ईरान से कच्चे तेल की खरीद पर किसी देश को कोई छूट नहीं मिलेगी। अमेरिका ने मंगलवार को यह ऐलान किया। अमेरिका के इस ऐलान से कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आने की आशंका बढ़ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग में ईरान मामलों के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ने कहा कि उनका देश ईरान से तेल निर्यात को पूरी तरह खत्म करने की योजना पर काम कर रहा है। हुक के मुताबिक, हम अब ईरान को कोई और रियायत नहीं देने जा रहे हैं, बल्कि उस पर आर्थिक पाबंदियां मजबूत की जाएंगी। उसका 80 फीसदी राजस्व तेल से ही आता है और हम इसे पूरी तरह रोक देंगे, ताकि वह मध्यपूर्व को अस्थिर न कर सके। हुक ने दिसंबर में हुई ओपेक देशों की बैठक के दौरान सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल फालिह से मुलाकात भी की थी। सऊदी और ईरान में तनाव जगजाहिर है। मालूम हो कि मध्य अक्तूबर से दिसंबर के शुरुआत तक कच्चे तेल के दाम 40 फीसदी गिरावट के साथ 50 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए थे, लेकिन इसके बाद ओपेक देशों ने 12 लाख बैरल रोजाना की उत्पादन में कटौती का फैसला किया और दाम दोबारा 60 डॉलर पर पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान से बराक ओबामा के कार्यकाल में हुए करार को मई 2018 में तोड़ दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि ईरान अभी भी आतंकवाद में लिप्त है और अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे है, जिससे मध्य पूर्व में अस्थिरता का खतरा है। जबकि ईरान लगातार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम ऊर्जा के लिए है।
चार नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद ईरान का कच्चा तेल निर्यात 27 लाख बैरल प्रति दिन से होता था, जो अब घटकर दस लाख बैरल प्रति दिन रह गया है। हुक ने अमेरिका ने जिन आठ देशों को ईरान से तेल खरीद की छूट दी थी, उनमें से अब पांच ही उससे आयात कर रहे हैं।