नई दिल्ली। नीलू सिंह
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर बढ़ा आत्मघाती हमला हुआ। सीआरपीएफ का काफिल जम्मू से श्रीनगर जा रहा था । पुलवामा जिले के अवंतीपुरा में हुुुए इस आतंकवादी हमले में 35 जवानों के शहीद होने की खबर है। बताया जा रहा है कि कश्मीर के मूल निवासी एक आतंकवादी ने आआईडी विस्फोट कर हमला किया। इस हमले में केंद्रीय सुरक्षा बल के कम से कम 35 जवान शहीद हो गए जबकि कई जवान घायल बताए जा रहे हैं। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदा करते हुए कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगा। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह कल पुलवामा जाएंगे।
खबरों की मानें तो आतंकी सीआरपीएफ की आवाजाही पर नजर बनाए हुए थे। आईईडी हाइवे पर खड़ी कार में रखी गई थी। सीआरपीएफ का काफिला दर्जनभर से ज्यादा गाड़ियों का था जिसमें सैकड़ों जवान सवार थे। केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हुए कि इस कायराना आतंकी हमलों के लिये जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा और हर मुमकिन तरीके से इसका बदला लिया जाएगा। रिजीजू का यह बयान जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायिन हमले में सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के कुछ घंटों बाद आया है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को 12 सदस्यीय एनआईए की टीम घटनास्थल पर जाएगी। आईजी रैंक के अफसर एनआईए टीम की अगुवाई करेंगे। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभल कश्मीर के सुरक्षा हालातों पर नजर बनाए हुए हैं, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें हालात की जानकारी दी। बताया जा रहा हैै कि इस आतंकीी सेना ने पूरे इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस हमले की निंदा की है। महबूबा ने पूछा कि हिंसा का यह दौर कब तक चलता रहेगा। गौरतलब है कि आतंकवादी अफजल गुरू की बरसी पर खुफ़िया एजेंसियों ने बड़ा अलर्ट जारी किया था जिसमें कहा गया था कि आईआईडी ब्लास्ट के जरिए अपने नाकाब मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं। आतंकी वारदात के बाद सेना ने फिलहाल जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर आवाजाही बंद कर दी है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया, ‘अवंतीपुरा से दुखद खबर आ रही है। हमारे 12 सुरक्षा जवान घायल हो गए हैं। इस तरह के आतंकी हमलों की निंदा के लिए शब्द भी कम हैं।’