पटना। राजेन्द्र तिवारी
आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना हमारी पार्टी का पहली प्राथमिकता है। इसलिए हमारी लगातार कोशिश है कि चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की व्यापक एकता बने। यह बिहार की जनता की भी चाहत है, लेकिन दुर्भाग्य से अभी तक इस दिशा में गतिरोध बरकरार है। यह बात भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कही।
उन्होंने कहा कि भाकपा माले आरा और सीवान सीट पर किसी तरह का समझौता नहीं कर सकती है। इन दोनों सीटों पर हमारे प्रत्याशी निश्चित ही उतरेंगे। कुणाल ने कहा कि बिहार की 6 लोकसभा सीटों आरा, सीवान, जहानाबाद, काराकाट, पाटलिपुत्र और वाल्मिकीनगर में चुनाव की तैयारी है। ये सीटें हमारे आंदोलनों की मजबूत दावेदारी वाली सीटें रही हैं। इन 6 सीटों में आरा व सीवान ऐसी सीट है, जिस पर हम किसी भी प्रकार का समझौता नहीं कर सकते।उन्होंने कहा कि बिहार लाल झंडे के आंदोलनों की जमीं है। भाजपा के खिलाफ आज जो माहौल बना है, उसके केंद्र में भाकपा माले व वामदल ही हैं। हमारे पास ही भाजपा को रोकने का वैचारिक हथियार है और हमने उसके खिलाफ लगातार अभियान चलाया है। हमारे पास राज्य के गरीबों, मजदूर, किसानों, छात्र., नौजवानों, दलित व अकलियतों की ताकत है। इसलिए गरीबों की पार्टी के साथ चुनाव में सम्मानजनक समझौता ही होना चाहिए। अंतिम निर्णय 17 मार्च को राज्य स्थाई समिति की बैठक में लिया जाएगा। इस बैठक में पार्टी महासचिव सहित सभी वरिष्ठ नेतागण भाग ले रहे हैं।