हल्द्वानी। अनीता रावत
त्योहारी सीजन में लोग इस कदर रमे हुए हैं कि कोरोना टीकाकरण और कोविड जांच की लय भी गड़बड़ा गई है। तीसरी लहर की दस्तर की चेतावनी के बीच कोरोना टीकाकरण और जांच को लेकर यह सुस्ती चिंता का विषय बनी हुई है। पिछले कुछ हफ्तों से न तो टीकाकरण ही अपनी लय में है और न ही कोविड जांचें तेजी से हो रही हैं। कोरोना से लड़ाई में ये दोनों ही कार्य अपने निर्धारित लक्ष्य के आधे से भी कम पर चल रहे हैं। त्योहार की उमंग में बाजारों में भीड़ है। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर कई लोगों के चेहरे से मास्क तक उतर गए हैं। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप शुरू हुआ, तो संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
सरकार ने राज्य में प्रतिदिन करीब 40 हजार कोरोना जांच का लक्ष्य रखा है। यानी हफ्ते में करीब 2.80 लाख जांच होनी चाहिए। इस लिहाज से देखा जाय तो प्रत्येक जिले में प्रतिदिन करीब 3 हजार जांच होनी चाहिए। पर जून के दूसरे हफ्ते से जांचों का ग्राफ तेजी से नीचे गिरना शुरू हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक 13 अक्तूबर को राज्य में कुल 15,533 कोरोना जांच हुई। पर्वतीय इलाकों में जांच 1 हजार से भी कम हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जांच कम होने से कोरोना के केस भी कम सामने आ रहे हैं। राज्य में कोरोना टीकाकरण 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यानी लक्ष्य को पूरा करने के लिए दो माह और करीब 15 दिन बचे हैं। बचे हुए समय के मुताबिक यदि प्रतिदिन 66,266 टीके लगे तो लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। पर राज्य में प्रतिदिन टीकाकरण आधे से भी कम हो रहा है। यह वह लोग हैं जिन तक स्वास्थ्य विभाग के लोगों को अपनी पहुंच बनानी है।