मास्को।
एंटोन और नीना बोगडानोव पूर्वी रूस में बन्नी स्प्रिंग्स ब्यूटी स्पॉट में एक दिन बिताने की योजना से वहां पहुंचे, लेकिन किस्मत ने ऐसी चक्रव्यूह रची कि दंपति को मजबूरी में भालू से बचने के लिए वहां दस दिन पेड़ पर गुजारने पड़े। इस दौरान उन्हें न तो खाना और न ही पानी नसीब हुआ।
दरअसल, नवविवाहित जोड़े ने केवल एक रात के लिए कहीं दूर रहने की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी मित्सुबिशी पजेरो कामचटका इलाके के गर्म झरनों से करीब 11 मील दूर पोखर में फंस गई। जंगल में मोबाइल का भी नेटवर्क नहीं आ रहा था। कार को निकालने के लिए उन्हें मदद की जरूरत थी, लेकिन आसपास कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। अब उनके पास एक रास्ता था खुद पैदल चलकर पर्यटक आधार तक जाना, लेकिन यह खतरनाक था। हालांकि पर्यटक आधार पर जाने से पहले उन्होंने एक रात कार में गुजारी। इस दौरान उन्होंने पर्यटक आधार के लिए एक संदेश भेजा, लेकिन किसी ने भी उनकी कोई खोज खबर नहीं ली। जब वे पर्यटक आधार के लिए रवाना हुए तो उन्हें एक जानवर द्वारा उनका पीछा करने का आभास हुआ है। नीना ने कहा कि भालू हमारे पीछे चल रहा था, लेकिन हमने उसे तुरंत नोटिस नहीं किया, वह बिल्कुल चुपचाप हमारे पीछा आ रहा था। मेरे पति ने सबसे पहले उसे देखा। पहले तो हमने भालू को डरा दिया और वह पीछे हट गया, लेकिन बाद में वह हमारे पीछे भागा। नीना ने बताया कि वे ढलान से 200 गज नीचे एक नदी की ओर दौड़े जहां वे एक पेड़ पर चढ़े। भालू ने मेरे पति को करीब-करीब मार ही डाला था, लेकिन मैंने उसे भगाने के लिए पानी की बोतल फेंकी और इतने में एंटोन भी पेड़ पर चढ़ गए। नीना ने दावा किया कि भालू ने दो दिनों तक उनकी पहरेदारी की। आखिरकार भालू काफी दूर चला गया ताकि वे नीचे उतर सकें और नदी में जा सकें, लेकिन जैसे ही हम पेड़ नीचे आए वैसे ही भालू ने दोबारा हम पर हमला किया। एक बार फिर हमने पेड़ पर चढ़कर जान बचाई। इसके बाद दो दिन और हम पेड़ पर चढ़े रहे। इसके बाद भालू के वहां से जाते ही हम दोबारा अपनी कार में आ गए। इसके बाद बाकी दिन में हमने कार में गुजारी। 10 दिन बाद हमें बचाया गया।