फ्लोरिडा। टीएलआई
पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने फिर चेतावनी जारी की है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करता है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल है। अक्तूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करे या कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहे। एफएटीएफ पाक को आतंकवाद के वित्तपोषण पर काली सूची में भी डाला सकता है।
फ्लोरिडा के ओरलैंडो में बैठक के बाद एफएटीएफ ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न केवल पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है। एफएटीएफ ने चेताते हुए से पाकिस्तान से अक्तूबर 2019 तक अपनी कार्य योजना को पूरा करने को कहा है। इस मामले में पाकिस्तान ने कहा कि वह ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए ना सिर्फ संस्था के हर निर्देश पर अमल करने के लिए तैयार है बल्कि अपनी ओर से एक्शन प्लान लागू करने के प्रयास भी कर रहा है। एफएटीएफ पाकिस्तान के प्रयासों का अगला मूल्यांकन अब अक्तूबर 2019 में करेगी। बीते साल जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट वाले देशों की सूची में डाल दिया था। जिनके घरेलू कानूनों को मनी लॉ्ड्रिरंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की चुनौतियों से निपटने के लिए कमजोर माना जाता है। ग्रे लिस्ट में बने रहने से पाकिस्तान को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस लिस्ट में जिस देश को रखा जाता है, उसे कर्ज देने में बड़ा जोखिम माना जाता है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही बहुत खराब है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं ने भी पाकिस्तान को आर्थिक मदद और कर्ज देने में कटौती की है। वहीं भारत ने पाकिस्तान को कहा है कि वह उम्मीद करता है कि पाकिस्तान एफएटीएफ के एक्शन प्लान को सितंबर तक प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा और अपनी मिट्टी पर पनाह लेने वाले आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण से संबंधित वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करेगा। एफएटीएफ की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं कि वह वैश्विक चिंताओं को देखते हुए आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने से रोकने के लिए उचित उपाय करेगा।