ग्लासगो।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को प्रलय की चेतावनी के साथ ग्लासगो में कॉप-26 शिखर सम्मेलन की शुरुआत की। उन्होंने पृथ्वी की तुलना बम से लिपटे काल्पनिक खुफिया एजेंट जेम्स बॉन्ड से की।
विश्व नेताओं से मुखातिब जॉनसन ने कहा कि लगातार तपती पृथ्वी की स्थिति जेम्स बॉन्ड की तरह है, जिसके शरीर पर बंधे बम की घड़ी तेजी से भाग रही है। अगर समय रहते इस बम को निष्क्रिय नहीं किया गया तो सब कुछ तबाह हो जाएगा। जॉनसन ने जलवायु परिवर्तन को पृथ्वी के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस के अत्यधिक इस्तेमाल का नतीजा है। इसकी शुरुआत ग्लासगो में जेम्स वॉट के कोयला संचालित वाष्प इंजन से हुई थी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के मामले में दुनिया काफी पीछे है। सम्मेलन में शामिल 130 से अधिक विश्व नेताओं की औसत उम्र 60 साल रह गई है, जबकि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावित पीढ़ियों का पैदा होना अभी बाकी है। जॉनसन ने चेताया कि वैश्विक तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से खाद्य आपूर्ति रुक सकती है। तीन डिग्री की बढ़त से और अधिक चक्रवात आ सकते हैं, जबकि चार डिग्री सेल्सियस इजाफा समूचे शहर की बर्बादी का सबब बन सकता है। पृथ्वी के अस्तित्व पर मंडराते खतरे को टालने के लिए वैश्विक तापमान में वृद्धि को डेढ़ डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखना जरूरी है। जॉनसन ने कहा कि अगर वैश्विक तापमान में वृद्धि मौजूदा दर से जारी रही तो मियामी और शंघाई जैसे शहर लहरों के नीचे डूब जाएंगे। हम कार्रवाई करने में जितनी देरी करेंगे, स्थिति उतनी बदतर होती जाएगी। हमें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी क्योंकि मानवता के जलवायु परिवर्तन को कभी महत्व नहीं दिया।
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