लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि कांग्रेस आशा बहनों की लड़ाई लड़ेगी। गांधी ने गुरुवार को लखनऊ पहुंचते ही आशा कर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने आशा कर्मियों को संभव कानूनी मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि कांग्रेस आशा बहनों के हक और सम्मान के प्रति प्रतिबद्ध है। सरकार बनने पर आशा बहनों को 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।
शाहजहांपुर से आईं आशा कर्मियों ने उन्हें बताया कि वे अपने 2018 से बकाया मांगने के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चाह रही थीं लेकिन पुलिस ने उनकी पिटाई की। पिटाई करने वालों में महिला व पुरुष पुलिस कर्मी शामिल थे। बाद में दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया गया लेकिन बाद में आशा कर्मियों के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई। मीडिया कमेटी के उपाध्यक्ष डा पंकज श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि प्रियंका गांधी ने आशा कर्मियों को पूरी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया और कहा कि कोरोना काल में आशा बहनों ने अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ितजनों की मदद की। इसके लिए उन्हें सरकार के स्तर पर अतिरिक्त सराहना मिलनी चाहिए थी, लेकिन संवेदनहीन सरकार उनकी पिटाई कर रही है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सचिवालय हो, सड़क हो या और कोई स्थान, उत्तर प्रदेश में महिला असुरक्षित है। सरकार के ‘महिला सुरक्षा’ के दावे की असलियत यही है। उत्तर प्रदेश की एक बहन को यौन शौषण की शिकायत पर कार्रवाई न होने के चलते अपने साथ घटी घटना का वीडियो वायरल करना पड़ा। कितना धैर्य और लड़ने की शक्ति होगी उसमें। उत्तर प्रदेश की मेरी बहनों, एकजुट हो कर अपनी लड़ाई इसी तरह खुद लड़ो। तुम लड़की हो, लड़ सकती हो।