लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
सियासी गलियारों में अपनी बेबाकी के लिए चर्चित कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने भाजपा में शामिल हो गईं। रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह कभी प्रियंका गांधी के बहुत करीब थीं, लेकिन करीब दो सालों से वह कांग्रेस पर हमलावर है। केन्द्र सरकार के कई फैसलों का उन्होंने समर्थन किया लेकिन इसके बावजूद वह खुद को कांग्रेस का ही विधायक बताती रहीं।
कांग्रेस से उनकी बगावत की शुरुआत अक्तूबर, 2019 में हुई थी। तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जो 36 घण्टे तक चला था। विपक्ष ने इस सत्र का बहिष्कार किया था लेकिन अदिति सिंह पार्टी के व्हिप के खिलाफ इस सत्र में शामिल हुई और चर्चा में भी हिस्सा लिया। सरकार ने उन्हें इनाम में वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी। इसके बाद कांग्रेस ने उनकी और हरचंदपुर के विधायक राकेश सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा लेकिन जुलाई 2020 में विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद्द करने संबंधी याचिका खारिज कर दी और उनकी विधायकी को बरकरार रखा। अदिति दो वर्षों से अपनी ही पार्टी कांग्रेस पर हमलावर थीं। चाहे वह आगरा से बसों में मजदूरों को लाने का मामला हो या जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने का उन्होंने कांग्रेस को घेरा। राम मंदिर बनने से लेकर अनुच्छेद 370 हटने पर भाजपा सरकार के फैसलों की सराहना उन्होंने खुलकर की। हालांकि लम्बे समय तक उनके ट्विटर परिचय में कांग्रेस विधायक ही लिखा रहा। अदिति सिंह चर्चित विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं। 2016 में वह कांग्रेस में शामिल हुई थीं। 2017 में पहला चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अदिति ने यूएसए की ड्यूक यूनिवर्सिटी से प्रबंधन में परास्नातक किया है।