नई दिल्ली। नीलू सिंह
तीन राज्यों की सफलता को देखते हुए दिल्ली कांग्रेस का मानना है कि राजधानी की सभी सात लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना अच्छा कदम होगा। शीला दीक्षित की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में वापसी ने कार्यकर्ताओं में नया उत्साह पैदा किया है और वे इस बार अकेले चुनाव लड़ने को लेकर आत्मविश्वास से भरे दिख रहे हैं।
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, ‘हमने हमेशा आप के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध किया है। नई टीम सभी सात सीटों पर अकेले लड़ने में सक्षम है, और हम सभी सीटों पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करेंगे।’
अपनी रणनीति के तहत दिल्ली कांग्रेस ने शुक्रवार को तीन कार्यकारी अध्यक्षों पूर्व मंत्री हारून युसूफ, यादव और राजेश लिलोठिया के बीच जिम्मेदारी का बंटवारा कर दिया। यादव एसडीएमसी इलाके को देखेंगे और साथ ही यूथ कांग्रेस पर भी नजर रखेंगे। वहीं, लिलोठिया उत्तरी नगर निगम इलाके और कांग्रेस विभिन्न विभागों को देखेंगे। जबकि युसूफ पूर्वी नगर निगम के इलाके, महिला कांग्रेस और सेवा दल की जिम्मेदारी देखेंगे। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कार्यकारी अध्यक्षों के बीच कार्य क्षेत्र को लेकर कोई भ्रम की स्थिति न रहे। सूत्रों का कहना है कि ग्राउंड लेवल पर कांग्रेस कार्यकर्ता आप के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे अपने दम पर लड़ना चाहते हैं। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘चूंकि यह अकेले लड़ रही है, कांग्रेस ऐंटी इन्कंबेंसी फैक्टर से प्रभावित नहीं होगी। राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी और आप की लोकप्रियता में काफी कमी आई है।’ कांग्रेस नेता इस बात अवगत हैं कि उनकी पार्टी और आप के वोटर समान हैं। इसलिए, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि वोट बटेंगे और इससे बीजेपी को फायदा होगा।