नई दिल्ली। नीलू सिंह
संसद की कार्यवाही शुक्रवार को शुरू हो गई। लेकिन पहले ही दिन लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। मोदी सरकार ने सदन में फिर से तीन तलाक बिल पेश किया तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया।
मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार से विधिवत रूप से शुरू हो गई। नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ और राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद शुक्रवार से दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई। लोकसभा और राज्यसभा में दिमागी बुखार का मुद्दा शुक्रवार को गूंजा। वहीं लोकसभा में तीन तलाक विधेयक को कानून एवं विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया। कांग्रेस ने बिल के ड्राफ्ट का विरोध किया है। इस विधेयक में तीन बदलाव किए गए हैं। लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पर बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संसद को अदालत न बनाएं। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रक्रिया के तहत बिल लाया गया। एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध किया है। वहीं तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बिल में कहीं बातें संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने इसका विरोध किया है। लोकसभा में तीसरी बार तीन तलाक विधेयक सदन के पटल पर रखा गया है। जिसपर खबर लिखे जाने तक हंगामा जारी था। वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दिमागी बुखार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा की सरकार है। इसके जवाब में बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कुषोषण से कहीं भी कोई भी मौत दुखद है और एक मां होने के नाते मैं बच्चों की मौत का दर्द समझ सकती हूं।
उधर, राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने सभी सांसदों का स्वागत किया और सदस्यों से सदन चलाने की अपील की है। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति ने श्रीलंका की चर्च में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि दी। इस पर विपक्ष के सांसदों ने बिहार में चमकी बुखार से मारे गए बच्चों के प्रति भी श्रद्धांजलि देने की मांग की। इसके बाद पूरे सदन में चमकी बिहार से जान गंवाने वाले बच्चों से मौन रखकर सदन के भीतर श्रद्धांजलि दी।
राजद सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में 24 जून को दिमागी बुखार पर चर्चा के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया है। आज अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल सदन में गतिरोध रोकने के प्रावधान करने वाले प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा कर इसे पास कराने की मांग करेंगे। यह बिल चुनाव से पहले ही पेश हो चुका था लेकिन अब तक इस पर गतिरोध के चलते चर्चा नहीं हो पाई है। राज्यसभा में एआईएडीएमके सांसद विजिला सत्यनाथ ने कहा कि तमिलनाडु पानी की कमी से जूझने वाला राज्य है। राज्य में एकमात्र प्रमुख नदी प्रणाली कावेरी नदी प्रणाली है। इसका समाधान केवल यह है कि केंद्र को कावेरी जल प्रबंधन का पूरा अधिकार ले लेना चाहिए। तत्काल पानी छोड़ा जाना चाहिए।