नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
सेना, नौसेना एवं वायुसेना में कर्नल रैंक के अफसरों के रिटायर्ड होने का उम्र अब एक ही होगा। अभी इस रैंक में सेवानिवृत्ति की आयु अलग-अलग है। इसके लिए सैन्य मामलों का विभाग एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। कोशिश यह है कि सैन्य अधिकारियों की क्षमता का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए। सेवानिवृत्ति की आयु को एक समान किए जाने से तीनों सेनाओं में कर्नल रेंक के करीब 15 हजार अफसरों को लाभ होगा।
सेना में कर्नल की सेवानिवित्त की आयु अभी 54 साल है। नौसेना में कैप्टन सेना के कर्नल के बराबर का होता है। वहां कैप्टन को 56 साल में सेवानिवृत्त किया जाता है। जबकि वायुसेना में कर्नल रेंक का पद ग्रुप कैप्टन का होता है। वहां ग्रुप कैप्टन के सेवानिवृत्त होने की आयु पायलट के लिए 54 तथा अन्य के लिए 57 साल है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि एक तिहाई सैनिकों के लिए रिटायरमेंट ऐज 58 साल किये जाने पर कार्य चल रहा है। इस संदर्भ में तीनों सेनाओं को निर्देश जारी किए गए है। इसका क्रियान्वयन गैर युद्धक शाखाओं में किया जाएगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत रिटायर होने के बाद भी कर्नल स्तर के अफसरों को कुछ समय के लिए पुन कांट्रेक्ट पर लिया जाता है। लेकिन इस दौरान उसका भरपूर इस्तेमाल नहीं किया जाता है जबकि वेतन पूरा दिया जाता है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि इन सब मुद्दों को देखते हुए तीनों सेनाओं में कर्नल स्तर के सभी अफसरों की रिटायरमेट उम्र एक समान की जाएगी। सूत्रों की मानें तो वायुसेना में यह सबसे ज्यादा 57 साल है। इसलिए तीनों सेनाओं के लिए इसे बढ़ाकर 58 साल किया जा सकता है। हालांकि अभी इस पर कई स्तरों पर सहमति दी जानी है, लेकिन जैसे ही इसे मंजूरी मिलेगी इससे आने वाले समय में तीनों सेनाओं के करीब 15 हजार योग्य अफसरों को फायदा मिलेगा। इनमें से करीब दस हजार अफसर अकेले सेना के होंगे। सेना में अभी लेफ्टनेंट कर्नल स्तर पर 10 हजार से अधिक अफसर हैं। नौसेना एवं वायुसेना में इसी रेंक के पांच हजार अफसर होने का अनुमान है।