लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष पूजा की। सीएम ने विजयादशमी पर गुरु गोरक्षनाथ की श्रद्धा के साथ विशेष पूजन एवं अनुष्ठान किया। गोरक्षपीठाधीश्वर की भव्य शोभायात्रा मंदिर परिसर में निकली जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। इस दोरान
श्रीनाथ की पूजा के बाद योगी आदित्यनाथ ने भैरव मंदिर, दुर्गा मंदिर, रामदरबार, अखण्ड धूनी, हनुमान मंदिर, श्रीकृष्ण दरबार समेत सभी प्रतिष्ठित सभी देव प्रतिमाओं का दर्शन कर पूजन किया। उसके बाद उनका काफिला भगवान भीम की प्रतिमा के समक्ष पहुंचा जहां उन्होंने पूजन किया। उसके बाद भीम सरोवर पर पहुंच कर पूजन किया। यहां उन्होंने सरोवर की मछलियों को चारा दिया। फिर ढोल और शंख की मंगल ध्वनियों के बीच वे ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं ब्रह्मलीन महंत अपने गुरु अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेक कर पुष्प अर्पित किया। उसके बाद पुन: मुख्यमंत्री मंदिर में पहुंच कर वहां गुरु गोरक्षनाथ समेत स्थापित सभी देव प्रतिमाओं का पूजन किया। उसके बाद वे गोशाला पहुंचे जहां उन्होंने 20 मिनट तक वक्त बिताया। गायों को गुड़ व चना खिलाकर आशीर्वाद लिया। गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ विशेष पोशाक में नाथ संप्रदाय के योगियों, पुजारियों एवं संतो के साथ 9.25 बजे निकले। 100 की संख्या में वेद पाठी बालक शस्त्र त्रिशूल, तलवार और अन्य शस्त्र लिए सैनिक के रूप में उनके साथ सुरक्षा में चल रहे थे। गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ एवं योगी सूरजनाथ, योगी प्रेमनाथ, योगी रामेंद्र नाथ, योगी रुद्रनाथ, योगी रामनाथ, योगी शांति नाथ, योगी मनोज नाथ समेत बड़ी संख्या में योगी श्रद्धाभाव से साथ चल रहे थे। सबसे पहले योगी आदित्यनाथ गुरु गोरक्षनाथ के समक्ष गर्भ गृह में पहुंचे जहां उन्होंने श्रीनाथ जी का अनुष्ठान एवं पूजन संपन्न किया। यहां ढोल नगाड़े के बीच भव्य आरती हुई। यह अनुष्ठान तकरीबन एक घंटे तक चला जिसमें योगी आदित्यनाथ के साथ सिर्फ योगी कमलनाथ एवं सूरजनाथ ही उपस्थित रहे। डमरू, बीन, शंख बजाने वाले कलाकारों के श्रद्धा से भरे शौर्य पूर्ण प्रदर्शन ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया। पूरा परिसर एक आध्यात्मिक एवं सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर था।