नई दिल्ली।
भाजपा सरकार की ओर से लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक से असम और पूर्वोत्तर के राज्यों के हितों को किसी तरह से नुकसान नहीं होगा। यह बात शनिवार को गुवाहाटी में नरेंद्र मोदी ने कहीं ।
असम के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा की अगुआई वाले नेडा संयोजक हिमंता बिस्वा सर्मा के विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा में मोदी ने कहा कि यह पूर्वोत्तर के लोगों से राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। जांच और राज्य सरकारों की सिफारिश के बाद ही नागरिकता मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कुछ लोग तथा राजनीतिक पार्टियां नागरिकता विधेयक के बारे में निराधार खबरें फैलाने में जुटे हुए हैं। इसका संबंध सिर्फ पूर्वोत्तर या असम से नहीं है। इसका संबंध मां भारती में भरोसा रखने वाले और उनका सम्मान करने वाले देश के तमाम लोगों से है। यह पड़ोसी देशों से जान बचाकर और अपना धार्मिक विश्वास बनाए रखने के लिए भागकर आए लोगों से संबंधित है। मोदी ने कहा कि वे लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हो सकते हैं। वे 1947 से पहले भारत का ही हिस्सा थे। जब देश बंटा तो वहां के हिंदू, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध जैसे अल्पसंख्यक वापस आ गए थे। उनको समर्थन देना हिंदुस्तान का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आनेे वाले अल्पसंख्यकों पर ढाए गए जुल्मों के कारण सब कुछ छोड़ कर भागना पड़ा। इस हाल में वे हमारे देश में आए हैं। बलपूर्वक देश में घुसे लोगों और अपनी आस्था के कारण घर से भागने और अपनी जान बचाने वाले लोगों के बीच फर्क है।
प्रधानमंत्री ने कहा, वोट बैंक की राजनीति तथा चुनावी लाभ उठाने के लिए देश में घुसपैठियों को जगह नहीं दी जाएगी। मैं कभी असम को प्रभावित नहीं होने दूंगा। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद के चालू बजट सत्र के दौरान 12 फरवरी को राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है। ऐसी आशंका है कि विपक्षी दल इसका कड़ा विरोध करेंगे।