नई दिल्ली। टीएलआई
भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध दूर करने की दिशा में लंबे समय बाद अच्छी खबर सामने आई है। पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके से अपनी-अपनी सेना हटाने पर दोनों देश राजी हो गए हैं। चुशुल-मोल्डो सीमा मिलन स्थल पर हुई भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की बैठक में यह रास्ता निकाला गया है। इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेना पिछले साल मई से ही आमने-सामने हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशुल-मोल्डो में 31 जुलाई को करीब नौ घंटे तक चली इस बातचीत में भारत ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि दोनों देशों के लिए शांति बनाए रखने के लिए चीन देपसांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग से अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए और सैन्य साजो सामान हटाए। बैठक के बाद दोनों देशों ने 2 अगस्त को एक संयुक्त बयान जारी किया था। वहीं पैंगोंग झील इलाके से फरवरी माह में दोनों देशों की सेना हटाई गई थी, उसके बाद से गोगरा इलाके से सेना हटाने का मसला लंबित था। इसे लेकर दोनों देशों की सेना में सहमति नहीं बन पा रही थी। सूत्रों की मानें तो दोनों देशों के बीच बनी इस सहमति पर कार्रवाई भी जल्द शुरू हो सकती है। दोनों देशों की सेना जल्द ही गोगरा हाइट्स से हट सकती है। दोनों पक्ष पीपी-15 (हॉट स्प्रिंग्स) और देपसांग मैदानों सहित गतिरोध वाले अन्य बिंदुओं पर मुद्दे को सुलझाने के लिए अपनी बातचीत जारी रखेंगे। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे और संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता बनाए रखेंगे। भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की यह बैठक 14 जुलाई को दुशांबे में भारत व चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक और भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 25 जून को हुई 22वीं बैठक के बाद आयोजित किया गया था।