बीजिंग।
तालिबान ने चीन को सूचित किया है कि शिनजियांग प्रांत में सक्रिय ईटीआईएम आतंकियों ने उसके कहने पर अफगानिस्तान छोड़ दिया है। चीन के इस अशांत प्रांत की सीमा अफगानिस्तान के साथ लगती है। काबुल में सत्ता पर काबिज होने के बाद से तालिबान पर बीजिंग का काफी दबाव था कि वह ईटीआईएम आतंकियों के दोबारा एकजुट होने पर लगाम कसे। चीन शिनजियांग प्रांत की स्वायत्तता के लिए लड़ रहे ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) को लेकर अपनी चिंता जताता रहा है।
तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा कि ईटीआईएम के कई सदस्य अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं। तालिबान ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि अफगान सरजमीं का इस्तेमाल दूसरे देशों के खिलाफ नहीं किया जा सकता है। चीन का आरोप है कि अल-कायदा से जुड़ा ईटीआईएम शिनजियांग में बड़े पैमाने पर हिंसा के लिए जिम्मेदार है। शिनजियांग में करीब एक करोड़ उइगुर मुसलमान रहते हैं।
वहीं, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) आरोप लगाते रहे हैं कि चीन हजारों उइगुर मुसलमानों को हिरासत केंद्रों में रखकर उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन ने ईटीआईएम पर से प्रतिबंध हटा लिया था, जिसे चीन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का दोहरा मापदंड बताता है। शाहीन ने कहा कि ईटीआईएम आतंकियों को तालिबान का संदेश मिलने के बाद उसे नहीं लगता कि कोई भी अफगानिस्तान के किसी भी स्थान पर रहेगा। खासकर वे लोग, जो दूसरे देशों में विध्वंसक गतिविधियां चलाने की मंशा रखते हैं या जिनका विदेशी एजेंडा है। भविष्य में आतंकवाद निरोधक अभियान अफगान रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और खुफिया विभाग मिलकर चलाएंगे।