बीजिंग।
चीन राष्ट्रीय एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालनेवाले ‘कराओके’ गीतों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसके लिए उसने ऐसे कराओके गीतों और स्थानों की सूची तैयार की है। चीन के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने कहा, यह एक चाल है।’ हालांकि पर्यवेक्षकों का कहना है कि विदेशी प्रभाव को रोकने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।
उधर, बीजिंग में शिक्षा अधिकारियों ने चीनी राजधानी में प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों में विदेशी पाठ्यपुस्तकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे विशेषज्ञों द्वारा स्कूलों में शिक्षण सामग्री के उपयोग पर चीन के नियमों में नवीनतम विकास के रूप में देखा जाता है।
इस कार्रवाई में कराओके गाने शामिल होंगे जिनमें ऐसी सामग्री है जो राष्ट्रीय एकता, संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालती है; चीन की धार्मिक नीतियों का उल्लंघन करती है और अंधविश्वास फैलाती है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी अंतरिम नियमों के अनुसार ऐसे गानों पर रोक लगाई जाएगी जो अश्लीलता, जुआ, हिंसा और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों को भड़काते है। सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नियम इस साल 1 अक्तूबर से प्रभावी होंगे।
मंत्रालय के अनुसार, चीन में कराओके बार जैसे लगभग 50,000 मनोरंजन स्थल हैं, जिनमें 100,000 से अधिक गीतों वाला संगीत पुस्तकालय है।
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने कराओके स्थानों पर गाने पर प्रतिबंध लगाया है। बीबीसी के अनुसार, 2015 में, मंत्रालय ने 120 गीतों की एक काली सूची जारी की, जो ‘अश्लीलता, हिंसा, अपराध फैलाते हैं या सामाजिक नैतिकता को नुकसान पहुंचाते हैं।’ उस समय इन कराओके गीतों में बीजिंग गुंडे, सुसाइड डायरी और डोंट वॉन्ट टू गो स्कूल जैसे गीतों को समस्याग्रस्त सामग्री के रूप में वर्णित किया गया था।