देहरादून। अनीता रावत
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड प्रकरण में शासन ने चार लोगों को चार्जशीट थमा दी है। बोर्ड की पूर्व सचिव दमयंती रावत समेत चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दी गई है। कार्रवाई कोटद्वार मेडिकल कालेज को 20 करोड़ रुपये जारी किए जाने के मामले में हुई है।
कर्मकार बोर्ड से सीधे ही 20 करोड़ का बजट कार्यदायी संस्था को जारी कर दिया गया था। जबकि करार कर्मकार बोर्ड और ईएसआई के बीच हुआ था। ईएसआई को बतौर ऋण ये पैसा कर्मकार बोर्ड ने देना था। इसके बाद ईएसआई ने मेडिकल कालेज का काम कराने को पैसा कार्यदायी संस्था को देना था। इस मामले में हुआ सब कुछ उलट पलट। कर्मकार बोर्ड ने सीधे ही पैसा कार्यदायी संस्था को दिया। इस मामले में ईएसआई के उच्च अफसरों को भी अंधेरे में रखा गया। ऐसा जांच के दौरान अपने लिखित जवाब में ईएसआई के अफसरों ने लिखा। इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई गई। आईएएस अफसर वी षणमुगम को जांच अधिकारी बनाया गया।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कड़ी कार्रवाई की संस्तुति की। लंबे समय तक ये रिपोर्ट भी शासन में डंप रही। अब जाकर इस रिपोर्ट पर चार लोगों को चार्जशीट दी गई है। इनमें बोर्ड की पूर्व सचिव दमयंती रावत, ईएसआई के डॉक्टर आकाशदीप, चीफ फार्मासिस्ट बीएल सेमवाल, कार्यालय सहायक कर्मकार बोर्ड नवाब सिंह शामिल हैं। सचिव श्रम हरबंस सिंह चुघ ने कार्रवाई की पुष्टि की। इस मामले में आरोप लगे थे कि सभी आरोपी हल्के में छूट गए हैं। क्योंकि जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता बताते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई की संस्तुति की थी। ऐसे में संभावना यही जताई जा रही थी कि सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा। उसके बाद कागजी कार्रवाई होगी। हालांकि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ चार्जशीट जारी होने तक ही सीमित रही।