नई दिल्ली। टीएलआई
भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी व कांग्रेस नेता राज बब्बर समेत नौ अभियुक्तों के खिलाफ एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने आरोप तय कर दिया है। 2015 के धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने के एक आपराधिक मामले में यह आरोप तय किया गया है। इस घटना के वक्त रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष थीं।
17 अगस्त, 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। उस दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन था। करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं के साथ अचानक यह सभी अभियुक्तगण धरना स्थल से विधानसभा का घेराव करने निकल पड़े। इन्हें समझाने व रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन नहीं माने। संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे जिससे भगदड़ मच गई। इस हमले में एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत पुलिस के कई अधिकारी व पीएसी के कई जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। अशोक मार्ग से आने व जाने वाले आम जनता को भी चोटें आई। कानून व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गया। 25 दिसंबर, 2015 को विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
शुक्रवार को विशेष अदालत के समक्ष रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी, बोधलाल शुक्ल, राजेश पति त्रिपाठी, ओंकार नाथ सिंह, मनोज तिवारी, रमेश मिश्रा व शैलेंद्र तिवारी उपस्थित हुए। अदालत ने इनके खिलाफ आरोप तय किया। साथ ही 20 अगस्त को अभियोजन को अपना साक्ष्य पेश करने का आदेश दिया। वहीं दूसरी तरफ अभियुक्त निर्मल खत्री, मधुसुदन मिस्त्री, अजय राय, प्रदीप कुमार माथुर, केके शर्मा व प्रदीप जैन आदित्य की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी। विशेष अदालत ने इस शर्त के साथ इसे मंजूर कर लिया कि अगली तारीख पर यह सभी अभियुक्त व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होंगे।