पौड़ी। अनीता रावत
लोक गायक चंद्र सिंह राही को उनकी चौथी पुण्यतिथि पर याद किया गया। इस मौके पर उनकी संगीतमय रचनाओं को सराहा गया और कहा गया कि उत्तराखंड लोकगीतों के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। साथ ही उनके योगदान को मुकम्मल जगह नहीं मिलने पर वक्ताओं ने नाराजगी जताई। देवी मंदिर स्थित लैंसडाउन में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि चंद्र सिंह राही ने गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी लोकगीतों को मधुर ढंग से संगीतमय प्रस्तुतियां पेश की। आज भी उनके लोकगीतों को काफी सराहा जाता है। उन्होंने गढ़वाली कुमाऊंनी में करीब 500 गानों में संगीत दिया। उत्तराखंड विकास पार्टी की ओर से आयोजित बैठक में राज्य आंदोलनकारी उमेद सिंह रावत ने कहा कि उनकी उपलब्धियों के लिए संस्कृत विभाग के ऑडिटोरियम का नाम चंद्र सिंह राही के नाम पर रखा जाना चाहिए। इस मौके पर रघुवीर सिंह, सुनील रावत, रजनीकांत, महेंद्र सिंह गुसाईं , राजदर्शन, सुरेंद्र भारद्वाज, महेश देवरानी आदि ने पुण्य तिथि पर चंद्र सिंह राही को याद किया