हल्द्वानी। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए पहुंचे दस छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्र फर्जी होने का शक है। मामला संज्ञान में आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है।
मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए फर्जीवाड़ा पहले भी होता रहा है। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में पूर्व में कई छात्र-छात्राओं पर कार्रवाई हो चुकी है। इस बार फिर फर्जी तरीके से एडमिशन की कोशिश की गई है। सूत्रों के मुताबिक एक छात्र ने खुद को सामान्य श्रेणी का दर्शाया। प्रवेश नहीं होने पर ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र पेश कर दिया। उससे भी काम नहीं चलने पर एससी का प्रमाण पत्र लेकर एडिमशन के लिए आ गया। ऐसे एक नहीं पांच केस सामने आए हैं। जिसमें छात्र ने खुद को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार से जुड़े होने, अनाथ होने, एससी होने और ईडब्ल्यूएस होने के प्रमाण पत्र पेश कर एडमिशन लेने की कोशिश की है। कॉलेज प्रबंधन ने सभी मामलों को संदिग्ध पाते हुए इसकी रिपोर्ट बना कर मुख्यालय को भेज दी। इन पांच के अलावा अल्मोड़ा, देहरादून व श्रीनगर में भी इस तरह के 5 मामले सामने आए हैं। जिसके बाद से चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी 10 के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर इन सभी छात्र-छात्राओं पर मुकदमा होगा। वहीं 10 सीटें जो इनकी वजह से रोकी गई हैं उन पर वेटिंग में चल रहे छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि एमबीबीएस की काउंसलिंग के दौरान करीब 10 छात्रों ने ऐसे प्रमाण पत्र दिखाए हैं जो संदिग्ध प्रतीत हो रहे हैं। उनकी जांच कराई जा रही है। प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई होगी। कॉलेज प्रबंधन को इसे लेकर अलर्ट किया गया है।