नई दिल्ली। नीलू सिंह
केंद्र सरकार ने छह करोड़ पीएफ खाताधरकों को तोहफा दिया है। 2016 के बाद पहली बार सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ब्याज दर बढ़ाई है, जिससे करीब छह करोड़ अंशधारकों को लाभ मिलेगा। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बैठक के बाद गुरुवार को इसकी घोषणा की।
ईपीएफओ बोर्ड की सिफारिश के अनुसार, वित्त वर्ष 2019 में ब्याज दर 8.65 फीसदी रहेगी। वित्त वर्ष 2018 में यह 8.55 फीसदी पर थी। बताया जा रहा है कि बोर्ड की बैठक में कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर भी चर्चा की गई, लेकिन इस पर निर्णय अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है। हालांकि बयाज दर बढ़ाने का सर्वसम्मति से हुआ। बता दें कि ईपीएफओ ब्याज दर करते समय कई मानकों पर ध्यान देता है, इसमें एनपीएस, पीपीएफ के अलावा लघु बचत योजनाओं पर तय ब्याज दर शामिल है। जमा पर ब्याज दर तय करने के लिए बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थाओं की कर्ज दरों का भी ध्यान रखा जाता है। ईपीएफओ सालाना कोष और रिटर्न का भी ख्याल रखता है। गौरतलब है कि श्रम मंत्रालय के अधीन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ईपीएफओ का शीर्ष नीति निर्माण संस्था है। यही हर साल के लिए पीएफ पर जमा ब्याज दर का फैसला करता है। प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की औपचारिक मंजूरी भी लेनी पड़ती है। मंजूरी मिलते ही नई ब्याज दर लागू हो जाएंगी।
ईपीएफओ की वर्ष 2017-18 में 8.55 फीसदी की ब्याज दर पांच साल में सबसे कम थी। वर्ष 2016-17 में ब्याज दर 8.65 फीसदी और 2013-14 और 2014-15 में यह 8.75 फीसदी पर रही थी। वर्ष 2015-16 में यह 8.8 के उच्चतम स्तर पर थी।