लखनऊ। हमीरपुर खनन घोटाले में आईएएस बी. चंद्रकला समेत 12 लोगों के ठिकानों पर सीबीआई ने शनिवार को छापेमारी की। हमीरपुर खनन घोटाले में सीबीआई की यह बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सपा सरकार में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर खनन घोटाला हुआ था। सूत्रों का दावा है कि नई दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, कानपुर, हमीरपुर व जालौन में पड़े छापों में खनन अधिकारियों के घरों से 2.5 करोड़ रुपये और करीब चार किलो सोना बरामद हुआ है। सीबीआई को कई दस्तावेज भी मिले हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने हमीरपुर की तत्कालीन डीएम आईएएस बी. चंद्रकला, हमीरपुर के तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, हमीरपुर के तत्कालीन खनन बाबू राम आश्रय प्रजापति, खनन के लीज होल्डर एवं हमीरपुर के मोदहा निवासी सपा के एमएलसी रमेश कुमार मिश्र व उनके भाई दिनेश कुमार मिश्र, खनन के लीज होल्डर एवं हमीरपुर के कमोखर निवासी अंबिका तिवारी, खनन लीज होल्डर एवं हमीरपुर के सफीगंज निवासी संजय दीक्षित व सत्यदेव दीक्षित, खनन लीज होल्डर जालौन जिले के पिडारी निवासी राम अवतार सिंह, खनन लीज होल्डर जालौन जिले के गणेशगंज निवासी करन सिंह तथा लखनऊ व दिल्ली दोनों स्थानों के निवासी अवैध खनन से जुड़े आदिल खान को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात निजी एवं सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सीबीआई सूत्रों का दावा है कि चंद्रकला के घर से निवेश और प्रापर्टी से संबंधित अहम कागजात मिले हैं। इनके आधार पर अब उनके गृह नगर तक की जांच होगी। सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने हमीरपुर में संजय दीक्षित व रमेश मिश्र के आवासों पर छापे मारे। इसी तरह अन्य अभियुक्तों राम आसरे प्रजापति, दिनेश मिश्रा, अंबिका तिवारी, राम अवतार सिंह, करन सिंह व आदिल खान के हमीपुर, जालौन व नई दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए। सूत्रों का दावा है कि उस दौरान खनन मंत्री रहे नेताओं से भी पूछताछ की जाएगी। सपा सरकार में खनन विभाग पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था। बाद में इसे बतौर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गायत्री प्रसाद प्रजापति को दे दिया गया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है। हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर 28 जुलाई 2016 को अवैध खनन की जांच के आदेश दिए थे। जांच में सीबीआई को वर्ष 2012-16 के दौरान हमीरपुर में व्यापक पैमाने पर अवैध खनन किए जाने के साक्ष्य मिले, जिससे बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंची।
सोशल मीडिया से सुर्खियों में रहीं बी. चंद्रकला
फरवरी 2016 में एक सेल्फी को लेकर डीएम बी. चंद्रकला चर्चा में आई थीं। दरअसल, फराज नाम के एक युवक ने नके साथ जबरन सेल्फी लेने की कोशिश की। उसे मना किया गया तो युवक ने हंगामा शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने युवक को शांतिभंग की धारा में जेल भेज दिया। तीन दिल जेल में रहने के बाद युवक को उसके परिजनों के निवेदन पर डीएम ने छोड़ दिया। विवाद यहीं नहीं खत्म हुआ, जब एक अखबार के पत्रकार ने उनसे इस मुद्दे पर राय जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने पत्रकार से कथित तौर पर अभद्रता की, जिसका ऑडियो खूब वायरल हुआ था। मामला बाद में हाई कोर्ट तक भी पहुंचा और अभी लंबित है। वहीं चार साल पहले शहर में डीएम के पद पर पदस्थ बी. चंद्रकला निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण करने पहुंचती हैं। वे पेवर ब्लॉक व सड़क की घटिया क्वालिटी पर ठेकेदार को फटकार लगाती हैं। घटिया निर्माण करने वाली फैक्टरी भी बंद करने का निर्देश देती हैं।