इस्लामाबाद।
अफगनिस्तान को मदद तो देगा लेकिन तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देगा। पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने यह बातें कहीं।
ब्रिटेन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह तालिबान के नेतृत्व में अफगानिस्तान में गठित नई सरकार को मान्यता नहीं देगा। हालांकि, उसे मुल्क की नई हकीकत को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है। अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को टूटने से रोकने के लिए ब्रिटेन उसे जरूरी मदद देने को तैयार है।
पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा कि तालिबान के सहयोग के बिना काबुल से 15 हजार लोगों को निकालना नामुमकिन था। इसलिए ब्रिटिश सरकार अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता न देने की रणनीति पर काम करेगी। हालांकि, मुल्क के विकास के लिए वह उसके साथ सीधा संवाद करने और जरूरी सहायता देने को तैयार है।
राब ने कहा कि तालिबान ने दुनिया से कई वादे किए हैं। इनमें महिलाओं को ज्यादा अधिकार मुहैया कराने से लेकर अफगानिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह न बनने देना शामिल है। ब्रिटेन देखना चाहता है कि तालिबान कितने वादों को पूरा करता है। उसी के आधार पर उसकी हुकूमत को मान्यता देने का फैसला लिया जाएगा।