नई दिल्ली। टीएलआई
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए तनाव के मद्देनजर पूर्वोत्तर के भाजपा सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करआरोप लगाया कि कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है। मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें उकसाने वाले बयानों और सामग्रियों को तोड़-मरोड़ कर बढ़ावा दे रही हैं। ऐसा करके क्षेत्र में आग को हवा देने का काम किया जा रहा। रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि पूर्वोत्तर उनके दिल के बेहद करीब है, इसलिए क्षेत्र के प्रति उनका प्यार भी स्वाभाविक है।
रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस क्षेत्र को राजनीति के चश्मे से नहीं देखते। इस मुलाकात के दौरान सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा और कहा कि जो भी तत्व असम-मिजोरम मामले को भारत में अव्यवस्था फैलाने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं, उन्हें वह कहना चाहते हैं कि उनकी शरारत काम नहीं करने वाली है। ज्ञापन में सांसदों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने पूर्वोत्तर में विकास के ऐतिहासिक और बेमिसाल काम किए हैं। प्रतिनिधिमंडल में पूर्वोत्तर के 16 सांसद मौजूद थे। इनमें 12 असम से, दो अरुणाचल प्रदेश और एक-एक मणिपुर और त्रिपुरा से थे।
मालूम हो कि असम और मिजरोम के बीच सीमा विवाद को लेकर 25 जुलाई को मिजोरम पुलिस ने असम के अधिकारियों पर गोलीबारी कर दी, जिसमें असम के पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी। एक एसपी समेत 50 अन्य जख्मी हो गए थे। मिजोरम की असम के कछार और हाइलाकांडी जिलों के साथ लगती सीमा पर तनाव अक्तूबर 2020 से बढ़ रहा है। घरों को जलाने और भूमि पर अतिक्रमण की घटनाएं लगातार हो रही हैं।