नई दिल्ली। टीएलआई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से महाराष्ट्र में चल रहे रस्साकशी पर विराम लगा दिया है। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत साबित करने के लिए कल शाम पांच बजे तक का वक्त दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को महाराष्ट्र में चल रहे सियासी रस्साकशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हुई थी। सुबह सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बुधवार शाम पांच बजे तक बहुमत परीक्षण कराने का फैसला सुनाया है। पहले बहुमत साबित करने के लिए 30 नवंबर तक का समय था। कोर्ट के फैसले से सभी दलों की चुनौतियां बढ़ गई है। जहां देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की अग्निपरीक्षा है तो वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है। भाजपा ने फैसला आने के बाद कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण कराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का वह सम्मान करती है और उसे पूरा भरोसा है कि वह सदन में अपना बहुमत साबित करेगी। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया और कहा कि संविधान अधिक शक्तिशाली है। फैसले के बाद कांग्रेस ने दावा किया कि शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस के पास 162 विधायकों का समर्थन है।
सूत्रों के अनुसार फैसला आने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। मंगलवार सुबह एनसीपी नेताओं से उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुलाकात की। मुलाकात के दौरान प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। इसके बाद अजित पवार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके आवास पर गए हैं। उधर बताया जा रहा है कि एनसीपी नेताओं से अजित पवार के मिलने के बाद अब एनसीपी विधायकों की बैठक शुरू हो गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी बैठक में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं।