लंदन। यूके के वेल्स से भारतीय मूल के पहले सांसद कनिष्क नारायण भारत आने वाले हैं। वह हाउस ऑफ कॉमन्स में सीट जीतने के बाद अपने पहले दौरे पर दिल्ली आ रहे हैं। पर्यावरण नीति पर चर्चा के लिए इस सप्ताह के अंत तक आएंगे।
बिहार में जन्मे कनिष्क नारायण ने वेल्स का सांसद बनकर इतिहास रचा है, क्योंकि वे भारतीय मूल के पहले वेल्स सांसद हैं। वह पर्यावरण नीति पर चर्चा के लिए यूके के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। भारत दौरे को लेकर कनिष्क ने कहा कि व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही तरह से भारत के साथ मेरा रिश्ता गहरा है। यह दौरा पर्यावरण नीति पर द्विपक्षीय आदान-प्रदान, सम्मेलनों में भाग लेने और पर्यावरण नीति के मामलों पर व्यापक समुदाय के लोगों से बात करने पर केंद्रित है। वह वेल्स से चुनाव जीत कर सांसद बने हैं। कनिष्क एक अल्पसंख्यक जातीय पृष्ठभूमि से आते हैं। कनिष्क ने कहा कि जब मैंने चुनाव में जीत दर्ज की तो कई लोगों ने मुझसे कहा कि बिहार में मेरी जड़ें होने के कारण राजनीति भी मेरे डीएनए में है। हालांकि मेरा मानना इससे अलग है। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता निश्चित रूप से मेरे पिताजी हमेशा राजनीति में बहुत रुचि रखते थे। राजनीति में आने से पहले नारायण गर्वमेंट एडवाइजिंग मंत्रालय में कार्यरत थे। वे लोक नीति के ऊपर काम करते थे। कनिष्यक नारायण ने इसके अलावा यूरोप और अमेरिका में भी कई नौकरियां की हैं। कोरोना के समय जब लॉकडाउन लगा तो उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक कैंपेन भी चलाया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार की मदद की थी। वह ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहाकार के तौर पर भी काम कर चुके हैं। कनिष्क जब छोटे थे, तभी वे अपने परिवार के साथ वेल्स की राजधानी कार्डिफ चले गए थे। बिहार के मुजफ्फरपुर से ताल्लुक रखने वाले कनिष्क ने ऑक्सफ़ोर्ड और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालयों से पढ़ाई की।