वाशिंगटन।
अमेरिका और चीन में टकराव कम होने की उम्मीद है। इसका संकेत उस समय मिला जब दो दिन में दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग में बात हुई। बताया जा रहा है कि गुरुवार को जे बाइडन ने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बात की। विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच एक व्यापक रणनीतिक चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने उन क्षेत्रों पर बात की, जहां चीन और अमेरिका के हित मिलते हैं। साथ ही उन क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जिनमें दोनों देशों के हित, मूल्य और दृष्टिकोण भिन्न हैं।
बाइडन और जिनपिंग के बीच बात ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी पक्ष में इस बात को लेकर निराशा है कि बाइडन प्रशासन के कार्यकाल के शुरुआती दिनों में दोनों देशों के नेताओं के शीर्ष सलाहकारों के बीच उच्च स्तरीय संपर्क का कोई नतीजा नहीं निकला। बाइडन के पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच दूसरी बार बात हुई है। इस समय दोनों देशों के बीच असहमति वाले कई मुद्दे हैं, जिनमें व्यापार, तकनीक, मानवाधिकार और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग का आक्रामक रुख समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं।
कॉल करने के पीछे बाइडन का जो उद्देश्य था, वह इन मुद्दों में से किसी पर केंद्रित नहीं था। इसके बजाय यह संवाद अमेरिका-चीन संबंधों के लिए आगे के रास्ते की चर्चा करने पर केंद्रित था। दोनों नेताओं के बीच फोन पर 90 मिनट तक बात हुई। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा, दोनों नेताओं के बीच एक व्यापक, रणनीतिक चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने उन क्षेत्रों पर बात की जहां हमारे हित मिलते हैं, और उन क्षेत्रों पर जहां हमारे हित, मूल्य और दृष्टिकोण भिन्न हैं। इस बातचीत के दौरान दोनों नेता विभिन्न मुद्दों पर खुले एवं सीधे संवाद पर सहमत हुए हैं। जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने स्पष्ट किया है कि यह चर्चा अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के लिए अमेरिका द्वारा जारी प्रयास का हिस्सा थी।
सीएनएन ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन ने हिंद-प्रशांत और दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि के मद्देनजर अमेरिका के नजरिये को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने प्रतिस्पर्धा को तनाव में तब्दील न होने देने के लिए जिम्मेदार रवैया अपनाने पर जोर दिया। व्हाइट हाउस को उम्मीद है कि बढ़ते मतभेदों के बावजूद दोनों पक्ष जलवायु परिवर्तन और कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु संकट को रोकने सहित साझे सरोकार के मुद्दों पर मिलकर काम कर सकते हैं।
वहीं, बाइडन और जिनपिंग के बीच हुई वार्ता को लेकर बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन और अमेरिका क्रमशः सबसे विकसित देश हैं। दोनों देशों के संबंध दुनिया के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं। जब चीन और अमेरिका सहयोग करते हैं तो दोनों देशों के साथ ही विश्व को भी इसका फायदा होगा और अगर चीन और अमेरिका के बीच टकराव के हालात होंगे तो दोनों देशों के साथ ही पूरी दुनिया को इसका नुकसान होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई आम चुनौतियों का सामना करने के बीच चीन और अमेरिका को व्यापक दृष्टिकोण दिखाने और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभाने की जरूरत है।