हल्द्वानी। अर्पणा पांडेय
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में गरीबों और मजदूर वर्ग के सामने भोजन का संकट उत्पन्न होने लगा है। बेशक सरकार की ओर से ऐसे लोगों को राशन और पैसा उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन इसके लिए राशन कार्ड, जनधन खाता समेत कई दस्तावेजों की जरूरत है। लेकिन देश के हर कोने में ऐसे लाखों मजदूर और गरीब तबके के लोग हैं जिनके पास दस्तावेज नहीं है। ऐसे लोगों को भूख से बचाने के लिए हर राज्य में सामाजिक संगठनें आगे आई हैं। चाहे दिल्ली हो, उत्तरप्रदेश हो या फिर बिहार या उत्तराखंड। इन संगठनों से जुड़े युवा लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। कुछ इसी तरह का जज्बा देखने को मिला उत्तराखंड के हरिद्वार में। वहीं भगीरथ संस्था की टीम लॉकडाउन के दिन से ही लोगों को जहां सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूक कर रही है। वहीं गरीब तबके के लोगों को भूख से बचाने के लिए भोजन भी करा रही है।
हरिद्वार में भगीरथ टीम की ओर से जनता रसोई का अयोजन किया जा रहा है। यहा बनने वाले भोजन से सिडकुल थाना क्षेत्र के कई इलाकों में गरीबों को भोजन कराया जा रहा है। सोमवार को राजा बिस्कुट चौक, डेंसो चौक, शिवालिक नगर चौक, भेज बैरियर नं.-6 और बहादराबाद काली के मंदिर के पास गरीबों को भोजन कराया गया। टीम में शामिल गौरव ओझा ने बताया कि इस सेवा के कार्य से खुद को भी संतुष्टि मिलती है। साथ ही इस कार्य में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस टीम के आयोजक शेखर पालिवाल जी का इस कार्य में विशेष सहयोग रहा है।
वहीं भगीरथ टीम में शामिल गंगा सेवक हितेश चौहान, शिवम चौहान, बृजेश चौहान, आशु चौहान, अतुल चौहान, विनित चौहान, विनोद कुमार, संतोष शाहू, ओमशरण गुप्ता खुद को सेनेटाइज करते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों की सेवा कर रहे हैं। सोमवार को भी कई स्थानों पर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराया गया। गौरव ओझा की माने तो 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद 27 मार्च से भगीरथ टीम की आरे से लगातार जरूरतमंदों को भोजन कराया जा रहा है। टीम का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति इस धर्मनगरी में भूखा न रहे। भगीरथ टीम गंगा सफाई से भी जुड़ी हुई है।