देहरादून। अनीता रावत।
पर्वतीय क्षेत्रों में बसंत पंचमी का अलग ही महत्व है। लोग बसंत पंचमी के मौके पर घरों के दरवाजों (देहरी) में गोबर और जो लगाते हैं, खुशहाली और अच्छी फसल की पैदावार के लिए बसंत पंचमी मनाई जाती है। सदियों पुरानी इस परंपरा को आज भी बखूबी निभाया जाता है। लोग बच्चों के लिए पकौड़ी, खीर, पूड़ी-सब्जी के साथ ही दूध-घी आदि व्यंजनों को परोसते हैं। बसंत पंचमी के दिन से हलजोत की शुरुआत भी की जाती है।