नैनीताल, करन उप्रेती।
उत्तरकाशी के ग्राम जखोल मोरी के पौराणिक सोमेश्वर महादेव मंदिर की हंस फाउंडेशन की ओर से मरम्मत कराने पर लगाई रोक को हाईकोर्ट ने बढ़ा दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद एसडीएम को मंदिर की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई दशहरे के बाद होगी।
सुनवाई के दौरान मंदिर समिति के एक सदस्य ने मरम्मत पर लगी रोक को निरस्त करने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया। इसमें कहा गया कि मंदिर की स्थिति जीर्ण-शीर्ण है और कभी भी धराशायी हो सकता है। ऐसे में मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य पर लगाई रोक को हटाया जाए। कोर्ट ने रोक को बरकरार रखते हुए एसडीएम से मंदिर की स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा है। मामले में सोमेश्वर महादेव मंदिर समिति के संयुक्त सचिव रामलाल विश्वकर्मा की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है कि जखोल मोरी स्थित यह मंदिर सदियों पुराना है। यहां पांडवों द्वारा पूजा किए जाने की भी मान्यता है। वर्ष 1861 में यहां आकर्षक नक्काशीदार मूर्ति स्थापित हुई। इस मंदिर में आसपास के 22 गांवों के ग्रामीणों सहित दूर-दराज के लोगों की अटूट आस्था है। स्थानीय लोग इस मंदिर की मरम्मत पुरातत्व विभाग से कराने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। उनकी मान्यता है कि मंदिर की मरम्मत का कार्य स्थानीय देव शिल्पियों द्वारा होगा, लेकिन हंस फाउंडेशन बाहर के मि्त्रिरयों से यह काम कराना चाहता है। मंदिर समिति ने इस संबंध में फाउंडेशन के समक्ष विरोध दर्ज किया था। साथ ही संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज को भी प्रत्यावेदन दिया था। उन्होंने इस मामले के जांच के आदेश विभागीय सचिव को दिए। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मंदिर की मरम्मत के कार्य पर रोक लगा दी थी।