नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिया कि 16 नवंबर तक गणेशपुर-देहरादून रोड (एनएच-72ए) पर कोई पेड़ नहीं काटा जाए, जो दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का हिस्सा है।
शीर्ष अदालत ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा इस मुद्दे से निपटने के तरीके पर भी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ट्रिब्यूनल द्वारा आजकल जिस तरह के आदेश पारित किए जा रहे हैं वह पूरी तरह से असंतोषजनक है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और विक्रम नाथ की पीठ ने गणेशपुर-देहरादून रोड (एनएच -72 ए) पर बिना किसी मंजूरी के पेड़ों की कटाई को रोकने के निर्देश की मांग करते हुए एक गैर सरकारी संगठन सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की। स्ट्रेच ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि अगले मंगलवार तक आपको अपना हाथ उठाना चाहिए और कोई पेड़ नहीं काटना चाहिए।
पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई करेगी और एनजीटी को वापस भेजने के बजाय याचिका का निपटारा करेगी। पीठ ने कहा,’एनजीटी को अपना दिमाग लगाना चाहिए। पर्यावरण से संबंधित मामलों पर इसका मूल अधिकार क्षेत्र है। जिस तरह से आजकल एनजीटी द्वारा आदेश पारित किए जाते हैं और पूरी तरह से असंतोषजनक हैं। ट्रिब्यूनल को एक अलग तरीके से काम करना है और इस तरह से नहीं। यह सिर्फ नहीं हो सकता है कोई भी आदेश पारित करें और अपना बोझ सुप्रीम कोर्ट पर स्थानांतरित करें।’