हल्द्वानी। अनीता रावत
सुदूर अंतरिक्ष में घूम रहे कई क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) लगातार पृथ्वी के लिए खतरा बने हुए हैं। करीब 17 वर्षों के बाद 2004 यूई नामक एस्टेरॉयड ने अपनी दिशा पृथ्वी की ओर मोड़ ली है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार करीब 1246फीट व्यास का यह एस्टेरॉयड 13 नवंबर को पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा। इस दौरान यह पृथ्वी से मात्र 2.6 लाख किलोमीटर की दूरी पर होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार इसके अलावा एक काफी छोटे आकार के एस्टेरॉयड 2021 यूए1 की भी हाल ही में खोज की गई है। यह भी पृथ्वी के काफी नजदीक पहुंच चुका है।
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के पब्लिक आउटरीच कार्यक्रम प्रभारी डॉ. विरेंद्र यादव के अनुसार इस एस्टेरॉयड की खोज 2004 में की गई थी। अंतरिक्ष वैज्ञानिक लगातार इस पर नजर रखे हुए थे। पर उस समय यह पृथ्वी से काफी दूर था। अब इसकी दिशा पृथ्वी की ओर हो गई है। आने वाले दिनों में कई और एस्टेरॉयड हैं जो पृथ्वी के काफी करीब से गुजरेंगे। इसमें से कई एस्टेरॉयड को नासा ने खतरनाक की श्रेणी में रखा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा लगातार पृथ्वी के निकट मौजूद एस्टेरॉयड्स पर नजर रखती है। नासा एस्टेरॉयड्स से जुड़े खतरे से बचने के लिए ‘डार्ट मिशन’ भी लांच करने जा रही है। इसमें पृथ्वी के लिए खतरनाक साबित होने वाले एस्टेरॉयड का अध्ययन किया जा रहा है। इससे पहले एस्टेरॉयड 2021 एसएम3 पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरा था। इसे पहली बार इसी साल सितंबर माह में देखा गया था। एस्टेरॉयड अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से घूमती चट्टानें होती हैं। यह छोटे पत्थर से लेकर हजारों मीटर व्यास तक की हो सकती हैं। पृथ्वी से कई छोटे एस्टेरॉयड टकरा चुके हैं। पर यदि कोई बड़े आकार का एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकरा जाए तो यह धरती पर जीवन को पूरी तरह नष्ट कर सकता है। इसलिए वैज्ञानिक पृथ्वी की ओर आने वाले एस्टेरॉयड पर लगातार नजर रखते रहे हैं।