नैनीताल। नैनीझील में फैलते प्रदूषण से आहत समाजसेवियों ने भारत सरकार के राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) और पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर झील को बचाने की मांग की है। हल्द्वानी निवासी समाजसेवी हेमंत गौनिया व अन्य ने 18 माह पूर्व भी प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को झील में बढ़ती गंदगी से अवगत कराया था। लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी।
समाजसेवी हेमंत गौनिया ने बताया कि नैनीझील में दिन प्रतिदिन प्रदूषण का स्तर बढ़ते जा रहा है। ऐसे में अल्प समय में ही झील का अस्तित्व खतरे में आ सकता है। बताया कि 14 अक्तूबर को एनजीटी को एक पत्र लिखकर झील बचाने की प्रार्थना की है। उनके साथ अन्य पर्यावरण प्रेमियों ने भी इस मुहिम में हस्ताक्षर किए हैं। बताया कि अप्रैल 2023 में उन्होंने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और डीएम को पत्र लिखा, पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। झील की सफाई न होने के कारण अब वो मजबूर होकर एनजीटी की शरण में आए हैं। पत्र में मांग की गई है कि एक जांच कमेटी बनाकर मौका मुआयना किया जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। हेमंत ने आरोप लगाया है कि जिलाधिकारी कार्यालय के साथ झील की देखरेख करने वाले सिंचाई विभाग, नगर पालिका, जल संस्थान और जिला विकास प्राधिकरण में यह पत्र घूमते रहे लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।