नैनीताल। अनीता रावत
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को वर्चुअल तरीके से पोस्टमार्टम करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद केन्द्र और राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
ऋषभ कुमार मिश्रा एवं अन्य की ओर से यह याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान में शवों के पोस्टमार्टम के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है वह गलत और अमानवीय है। कोविड काल में जब एमआरआई, सीटी स्कैन वर्चुअल हो सकता है, तो पोस्टमार्टम वर्चुअल क्यों नहीं हो सकता? जब सारे साधन उपलब्ध हैं, तो शव का पोस्टमार्टम भी वर्चुअल हो सकता है। इस प्रक्रिया को अपनाने से समय एवं पैसों की बचत भी होगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि उन्होंने इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री को भी प्रत्यावेदन भेजा, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इस वजह से उन्हें उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।