बीजिंग। एजेंसी
चीन ने मंगलवार को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों (पश्चिमी) के इस आरोप को खारिज किया कि माइक्रोसॉफ्ट ईमेल सिस्टम की हैकिंग के लिए वह जिम्मेदार है। इसके विपरीत उसने अमेरिका पर ही साइबर जासूसी का आरोप लगा दिया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने सोमवार को मांग की कि अमेरिका ने नागरिक सुरक्षा मंत्रालय में कार्यरत चार चीनी नागरिकों पर गोपनीय अमेरिकी व्यापारिक सूचना तथा प्रौद्योगिकी एवं रोग अनुसंधान संबंधी जानकारियां चुराने का जो आरोप लगाया है, वह उसे वापस ले। हालांकि बाइडन प्रशासन एवं यूरोपीय सहयोगियों ने चीन सरकार से जुड़े हैकरों पर रैनसम हमलों का औपचारिक रूप से जो आरोप लगाया है, उससे चीन के विरुद्ध पहले से ऐसी शिकायतों को लेकर दबाव बढ़ गया है, लेकिन फिलहाल कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। लिजान ने कहा, अमेरिका ने चीनी साइबर सुरक्षा के विरुद्ध अवांछनीय आरोप लगाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ साठगांठ की। यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक मंशा से बदनाम करने एवं दबाव बनाने की हरकत है। चीन कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा।
वैसे चीनी प्रवक्ता ने बदले की संभावित कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिया। चीन, अमेरिका और रूस के साथ ही साइबर युद्ध अनुसंधान में अग्रणी है, लेकिन वह इन आरोपों से इनकार करता रहता है कि चीनी हैकर गोपनीय व्यापारिक एवं प्रौद्योगिकी सूचनाएं चुराते हैं। वैसे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रक्षा एवं सुरक्षा मंत्रालय भी सरकार के बाहर के हैकरों को प्रश्रय देता है। अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि सरकार से जुड़े हैकरों ने अमेरिकी और अन्य पीड़ितों को निशाना बनाया था और लाखों डॉलर की मांग की थी।
झाओ ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी पर 11 साल तक चीन के एयरोस्पेश अनुसंधान इकाइयों, तेल उद्योग, इंटरनेट कंपनियों एवं सरकारी एजेंसियों पर हैकिंग करने का आरोप लगाया।
बीजिंग।
चीन ने मंगलवार को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों (पश्चिमी) के इस आरोप को खारिज किया कि माइक्रोसॉफ्ट ईमेल सिस्टम की हैकिंग के लिए वह जिम्मेदार है। इसके विपरीत उसने अमेरिका पर ही साइबर जासूसी का आरोप लगा दिया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान ने सोमवार को मांग की कि अमेरिका ने नागरिक सुरक्षा मंत्रालय में कार्यरत चार चीनी नागरिकों पर गोपनीय अमेरिकी व्यापारिक सूचना तथा प्रौद्योगिकी एवं रोग अनुसंधान संबंधी जानकारियां चुराने का जो आरोप लगाया है, वह उसे वापस ले। हालांकि बाइडन प्रशासन एवं यूरोपीय सहयोगियों ने चीन सरकार से जुड़े हैकरों पर रैनसम हमलों का औपचारिक रूप से जो आरोप लगाया है, उससे चीन के विरुद्ध पहले से ऐसी शिकायतों को लेकर दबाव बढ़ गया है, लेकिन फिलहाल कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। लिजान ने कहा, अमेरिका ने चीनी साइबर सुरक्षा के विरुद्ध अवांछनीय आरोप लगाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ साठगांठ की। यह विशुद्ध रूप से राजनीतिक मंशा से बदनाम करने एवं दबाव बनाने की हरकत है। चीन कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा।
वैसे चीनी प्रवक्ता ने बदले की संभावित कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिया। चीन, अमेरिका और रूस के साथ ही साइबर युद्ध अनुसंधान में अग्रणी है, लेकिन वह इन आरोपों से इनकार करता रहता है कि चीनी हैकर गोपनीय व्यापारिक एवं प्रौद्योगिकी सूचनाएं चुराते हैं। वैसे सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रक्षा एवं सुरक्षा मंत्रालय भी सरकार के बाहर के हैकरों को प्रश्रय देता है। अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि सरकार से जुड़े हैकरों ने अमेरिकी और अन्य पीड़ितों को निशाना बनाया था और लाखों डॉलर की मांग की थी। झाओ ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी पर 11 साल तक चीन के एयरोस्पेश अनुसंधान इकाइयों, तेल उद्योग, इंटरनेट कंपनियों एवं सरकारी एजेंसियों पर हैकिंग करने का आरोप लगाया।