हल्द्वानी। अनीता रावत
कोरोना काल में जहां रोजी रोटी के साथ ही पढ़ाई पर भी संकट रहा। स्कूल कॉलेज बंद रहे। हॉस्टल को खाली करा दिया गया था। वैसे में अब यह बात सामने आ रही है कि कुछ बड़े कॉलेज कोरोना काल के हॉस्टल का चार्ज भी वसूल रहे हैं। यही नहीं चार्ज जमा नहीं करने पर छात्रों को अगले समेस्टर में परीक्षा नहीं देने की चेतावनी दे रहे हैं। इन कॉलेजों में से एक नाम उत्तराखंड के बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी का भी है। हालांकि कॉलेज के हॉस्टल वार्डन का कहना है कि कुल चार्ज में से सिर्फ जरूरी स्थापना चार्ज ही लिया जा रहा है। क्योंकि इसे पैसे से हॉस्टल के विकास और कर्मचारियों की तनख्वाह दी जाती है। वहीं मैस चार्ज को माफ कर दिया गया है।
कोरोना काल शुरू होने के बाद से देश भर में स्कूल कॉलेज बंद हो गए थे। वहीं कॉलेज हॉस्टल को भी खाली कर दिया गया था। अब जबकि कॉलेज खुलने लगे हैं तो छात्रों के सामने तरह तरह की समस्याएं आने लगी हैं। उसमें से एक समस्या है हॉस्टल चार्ज। कई कॉलेजों से इस तरह की बात सामने आई है। हॉस्टल चार्ज नहीं देने वाले छात्रों को नोटिस के साथ ही परीक्षा में नहीं बैठने की चेतावनी भी दी जा रही है। इसी तरह का मामला अल्मोड़ा के द्वाराहाट स्थित बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में भी सामने आया है। छात्रों को आरोप है कि कॉलेज प्रशासन कोरोना काल का हॉस्टल चार्ज भी मांग रहा है। इसके लिए छह जून को कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्रों को नोटिस भी जारी की गई थी। इसमें छात्रों से ड्यूज जमा करने और नहीं करने की स्थिति में समेस्टर परीक्षा में नहीं बैठने देने की चेतावनी दी गई थी। हालांकि इस संबंध में कॉलेज प्रशासन का कुछ और ही कहना है। हॉस्टल वार्डन वरुण का कहना है कि हॉस्टल चार्ज 16 हजार रुपये है। कोरोना काल में हॉस्टल बंद होने के कारण सिर्फ 9 हजार स्थापना शुल्क ही लिया जा रहा है। जबकि सात हजार मैस शुल्क है। कॉलेज की ओर से सिर्फ स्थापना शुल्क ही लिया जा रहा है। इसी पैसे से कर्मचारियों को वेतन और हॉस्टल में छात्रों को सुविधाएं दी जा रही है। कई छात्रों पर शिक्षा सत्र 19-20 और 20-21 का हॉस्टल चार्ज बकाया है।