नई दिल्ली। नीलू सिंह
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने करीब 77 दिन के बाद बुधवार सुबह 10:30 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंच कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्होंने शाम को तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा जारी सभी तबादलों को रद्द कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उधर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के भविष्य को लेकर बुधवार शाम को हुई चयन समिति की बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ।
वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तकरार शुरु होने के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिए थे। 1986 बैच के ओडिशा काडर के अधिकारी राव ने पिछले साल 23 अक्तूबर को आधी रात के बाद वर्मा की जगह सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने थे। इसके अगले ही दिन राव ने बड़े स्तर पर सीबीआई अधिकारियों के तबादले किए थे। इनमें अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाले अधिकारी जैसे डीएसपी एके बस्सी, डीआईजी एमके सिन्हा, संयुक्त निदेशक ए के शर्मा भी शामिल थे। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वर्मा ने पद संभालते ही राव द्वारा किए गए सभी तबादलों को रद्द कर दिया। वहीं सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के भविष्य को लेकर बुधवार शाम को हुई चयन समिति की बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस मामले पर गुरुवार को फिर चयन समिति की बैठक होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस समिति को एक सप्ताह के भीतर बैठक कर वर्मा के भविष्य का फैसला लेने को कहा है।
चयन समिति में प्रधानमंत्री, सीजेआई और सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और समिति के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्हें दस्तावेज पढ़ने का वक्त नहीं मिला है। इसके बाद केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट को खड़गे को सौंप दिया गया।