हल्द्वानी। अनीता रावत
हाईकोर्ट ने मंगलवार को चारधाम यात्रा मामले में सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद चारधाम पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी श्रद्धालु कोविड नियमों का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। कोविड नियमों का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। डिस्ट्रिक लीगल सर्विस अथॉरिटी (डीएलएसए) इसकी रिपोर्ट पेश करेगी।
कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि चारधाम में मेडिकल सुविधाएं बढ़ाई जाएं। गंभीर मरीजों के लिए चॉपर की व्यवस्था की जाए। उसकी जानकारी के लिए मोबाइल नंबर सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाए। मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 नवम्बर की तिथि नियत की गई है। मंगलवार को सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश कर मांग की गई कि कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए निर्णय में संशोधन किया जाय। महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि पूर्व में कोविड को देखते हुए चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई थी। लेकिन वर्तमान में प्रदेश में कोविड के केस नहीं के बराबर आ रहे हैं। इसलिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाय। महाधिवक्ता द्वारा यह भी कहा गया कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में तीन सप्ताह से कम का समय बचा है, इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां पहुंच रहे हैं, सभी को दर्शन करने की अनुमति दी जाय। चारधाम में कम श्रद्धालुओं के आने से वहां के स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर खतरा उत्पन्न हो गया है। सरकार द्वारा कोर्ट के पूर्व में दिए गए दिशा-निर्देशों का हरसंभव पालन कराने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने कोर्ट से श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या पर से रोक हटाने या फिर संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन करने की मांग की। सरकार की तरफ से कहा गया कि बालाजी एवं सोमनाथ मंदिर में प्रतिदिन क्रमश: 28 हजार और 10 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं। राज्य एवं केंद्र सरकार ने स्कूल, मॉल, कॉलेज, सिनेमा सब खोल दिए गए हैं। इसलिए चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या को भी बढ़ाया जाय।