ॠषिकेश। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित स्वच्छता पखवाड़ा विधिवत संपन्न हो गया। पखवाड़े के तहत एम्स परिसर में पौधरोपण, स्वच्छता जनजागरूकता अभियान समेत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों ने संस्थान को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सामुहिक संकल्प भी लिया। एम्स संस्थान में आयोजित स्वच्छ भारत पखवाड़े के समापन समारोह में स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव विकास शील ने शिरकत की। इस दौरान संयुक्त सचिव विकास शील ने स्वच्छता पखवाड़े की गतिविधियां व प्रगति जानी। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के सेनिटेशन ऑफिसर व सफाई कर्मियों को पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के लिए एम्स ऋषिकेश द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रमों की सराहना भी की। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने अधिकारियों व कर्मचारियों से संस्थान परिसर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने को कहा और उन्हें अधिकाधिक पौधरोपण कर पर्यावरण के संरक्षण में सहभागिता के लिए प्रेरित किया। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने कहा कि रोगों से मुक्ति के लिए स्वच्छता ही एकमात्र युक्ति है। एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत ने कहा कि हमें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने के साथ ही दूसरे लोगों को भी जागरूक करना चाहिए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कार्मिकों को स्वच्छता पखवाड़े के इतर हमेशा अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाने व पर्यावरण संरक्षण में सहभागिता का संकल्प भी दिलाया। डीएमएस डा.अनुभा अग्रवाल ने बताया कि पखवाड़े के तहत पौधरोपण व स्वच्छता अभियान के अलावा स्वच्छता पर्यवेक्षकों को हाथ की स्वच्छता का प्रशिक्षण, बायोमेडिकल कचरे का पृथकीकरण,सुई से लगने वाली चोट की रोकथाम का प्रशिक्षण दिया गया। एक कदम स्वच्छता की ओर थीम पर क्विज प्रतियोगिता,स्वच्छ व हरा अस्पताल विषय पर कार्यशाला,विभिन्न वार्डों में साफ सफाई पर रोगी जागरूकता अभियान आदि गतिविधियां संचालित की गई। इस अवसर पर संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन) अंशुमन गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा.ब्रह्मप्रकाश,डीन प्रो.सुरेखा किशोर,प्रोफेसर मनोज गुप्ता,डा.सौरभ वाष्र्णेय, डा.प्रतिमा गुप्ता, प्रो.लतिका मोहन,सब डीन कुमार सतीश रवि,एसई सुलेमान अहमद,डीएमएस डा.आरबी कालिया, डा.प्रेरणा बब्बर, डा.बीएल चौधरी,डा.बलराम जीओमर आदि मौजूद थे।