देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर पहुंचकर निवर्तमान शंकराचार्य व मंदिर के प्रमुख महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बुधवार को सप्तऋषि, हरिद्वार स्थित भारत माता मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने मंदिर के संस्थापक निवर्तमान शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत विभिन्न राजनीतिक हस्तियां व संत-महात्माओं ने भी शिरकत की। इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने ब्रह्मलीन संत द्वारा मानव सेवा व आध्यात्म जगत के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को याद किया। उन्होंने बताया कि महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन संत सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने अपने जीवन को मानवमात्र के कल्याण व विश्व में आध्यात्म के उन्नयन के कार्यों के लिए होम कर दिया। निदेशक प्रो. रवि कांत ने महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद महाराज के महाप्रयाण को आध्यात्मिक जगत की अपूूरणीय क्षति बताया। उन्होंने कहा कि इस क्षति की भरपाई शीघ्र संभव नहीं है। एम्स निदेशक ने ब्रह्मलीन संत को आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक व पथ प्रदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे संत महापुरुष के जीवन दर्शन से निस्वार्थ सेवा व जनकल्याण की भावना को आत्मसात करना चाहिए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने धर्म,संस्कृति, समाज व विश्व कल्याण को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया था, उन्हें इसके लिए वाल्यकाल से ही राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित उनके शिक्षक पिता से अध्ययनशीलता, चिंतन व सेवा की प्रेरणा मिली थी। लिहाजा पिता के दर्शन से प्रेरित होकर विश्वविख्यात संत सत्यमित्रानंद गिरि महाराज ने जीवन प्रर्यंत मानव सेवा व धर्म सेवा के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य किए।