राजकोट । टीम इंडिया के खिलाफ लगातार दो हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को अब गेंदबाजी में फिर से हाथ खोलने की याद आई है। वह सीरीज के बचे दो मुकाबलों में गेंदबाजी कर सकते हैं। अभी तक सीरीज के तीन मैचों में स्टोक्स बल्ले से कोई करिश्मा नहीं दिखा पाए हैं। छह पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक उनके बल्ले से निकला है। पहले मैच को छोड़कर गेंदबाजी इंग्लैंड के लिए कमजोर कड़ी साबित हुई है। जेम्स एंडरसन जैसे अनुभवी गेंदबाज की युवा भारतीयों बल्लेबाजों खूब धुनाई की है। अब भी घुटने की सर्जरी से उबर रहे स्टोक्स ने पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट के बाद से गेंदबाजी नहीं की है। राजकोट टेस्ट से पहले स्टोक्स ने कहा था कि उन्होंने अपने फिजियोथेरेपिस्ट से वादा किया था कि वह मौजूदा सीरीज में गेंदबाजी नहीं करेंगे। कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा, यह अच्छा है कि वह उस स्थिति में पहुंच रहा है जहां उसे लगता है कि वह गेंदबाजी कर सकता है। लेकिन बेन चतुर है, वह काफी चतुर है। वह तब तक गेंदबाजी नहीं करेगा जब तक उसे नहीं लगता कि वह वैध रूप से गेंदबाजी करने में सक्षम है। समस्या तब होगी जब वह गेंदबाजी स्पैल शुरू करेगा और फिर उसे खत्म नहीं कर पाएगा। इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है। हमें देखना होगा कि खतरा कहां है और उसे इससे दूर करने की कोशिश करनी होगी। लेकिन यह एक अच्छा संकेत है। तीसरे टेस्ट में 434 रन की हार के बाद जब स्टोक्स से पूछा गया कि क्या वह अपनी ऑलराउंडर की भूमिका दोबारा निभाएंगे तो उन्होंने कहा, मैं हां नहीं कह रहा हूं, मैं ना भी नहीं कह रहा हूं। मैं ज्यादातर चीजों के बारे में हमेशा बहुत आशावादी रहता हूं। मेडिकल टीम के साथ विस्तृत बातचीत होगी कि मुझ पर काम का कितना बोझ है जिससे कि मुझे कोई बड़ा खतरा नहीं हो। मैं अभ्यास के एक दिन शत प्रतिशत क्षमता के साथ गेंदबाजी करने में सफल रहा जिससे मुझे काफी अच्छा महसूस हुआ। मुझे लगा कि मैं मैच में गेंदबाजी कर सकता था लेकिन यह बेवकूफी होती।