नई दिल्ली।अर्पणा पांडेय
अफगान जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए न होने देने के मसले पर ब्रिक्स देश एकजुट हैं। हालांकि इस दौरान सिर्फ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ही अफगानिस्तान का नाम लेकर अपनी बात रखी। लेकिन अफगानिस्तान की जमीन का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न होने देने और हिंसा रोकने जैसे मसलों पर ब्रिक्स बैठक में सहमति जताई गई।
ब्रिक्स बैठक की अध्यक्षता करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने बहुपक्षीय व्यवस्था की मजबूती और सुधार पर एक साझा रुख अपनाया। हमने ब्रिक्स आतंकरोधी एक्शन प्लान स्वीकार किया है। पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं। पीएम मोदी ने कहा, विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में पहले ब्रिक्स डिजिटल स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य तक पहुंच बढ़ाने के लिए यह एक नया कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने बहुपक्षीय व्यवस्था की मजबूती और सुधार पर एक साझा रुख अपनाया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन आतंक का स्रोत और पड़ोसियों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने अमेरिका के सिर मौजूदा स्थिति का ठीकरा फोड़ा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि पिछले पंद्रह साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला। उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीकी सीट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कोविड टीकों को पेटेंट मुक्त करने का भारत और अफ्रीका के साझा प्रस्ताव का भी मुद्दा उठाया। ब्रिक्स बैठक में भारत, रूस, चीन, ब्राजील और अफ्रीका के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए।